Rajasthan News: 'भर्ती परीक्षाएं राजनीति का अखाड़ा', BJP सरकार से कितना खुश युवा,जानें यहां
राजस्थान के युवाओं की आवाज़! 2021 की SI भर्ती परीक्षा में धांधली के बाद बीजेपी सरकार की कार्रवाई पर छात्रों का क्या कहना है? क्या वे सरकार से संतुष्ट हैं? जानिए भारत रफ्तार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में।
राजस्थान में अशोक गहलोत के कार्यकाल में हुई एसआई भर्ती परीक्षा धांधली का मामला 2023 के विधानसभा चुनावों में जोरों-शोरों से उछाला गया। यही कारण रहा प्रदेश के युवाओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी को वोट दिया। जब से बीजेपी ने सूबे की सत्ता संभाली है 2021 SI पेपर लीक मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। जांच के लिए स्पेशल टीम और एजओजी बनाई गई है। बीजेपी नेता किरोड़ीलाल मीणा भी छात्रों की हित की आवाज उठा चुके हैं। लगातर आरोपियों को सजा दिलाने की मांग की जा रही है। ऐसे में भजनलाल सरकार की कार्रवाई से छात्र कितना संतुष्ट हैं ये आज हम आपको बताएंगे। राजस्थान के युवाओं से भारत रफ्तार की टीम ने एक्सक्लूसिव बातचीत की और उनका भर्ती परीक्षा पर रिएक्शन जाना।
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'सरकार नहीं निकाल रही भर्ती'
जब भारत रफ्तार की एंकर प्रिया बंसल ने भर्ती परीक्षाओं को लेकर सरकार के काम पर छात्रों से सवाल पूछा को उन्होंने कहा कि सरकार भर्ती नहीं निकाल रही है। अगर निकाल नहीं रही है, तो फोर्थ क्लास में। दो-दो हजार पद खाली है। प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या करोड़ों में है। छात्र परेशान है। सब हमें सफाई कर्मी बनाने में तुले हुये हैं। कोई और भर्ती में पद नहीं है। हाल में अभी शिक्षक भर्ती निकाली गई है। जिसमें केवल रिक्त पदों की संख्या 1900 है। जिस भर्ती पर सरकार कार्रवाई कर रही है वह कांग्रेस की वक्त की है। अभी तक बीजेपी सरकार ने केवल दो भर्तियां निकाली हैं। एक आरएस और दूसरी प्रेस्टिकेड में 2200 पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं। जबकि कांग्रेस कार्यकाल में ये संख्या छह हजार के करीब थी।
एसआई भर्ती पर कार्रवाई से छात्र संतुष्ट नहीं
वहीं, छात्रों ने एसआई भर्ती पर हो रही कार्रवाई पर कहा, अगर परीक्षा रद्द होती है तो छात्रों का नुकसान है। नहीं होती है फिर भी छात्रों का नुकसान है। प्रशासन की लापरवाही है। हमारा मुद्दा ये नहीं है कि भर्ती कब आयेगी। विषय है पारदर्शिता की। अभी तक किसी भी परीक्षा में कुछ पारदर्शी नहीं है। पेपर होता है लीक हो जाता है। परीक्षा से पहले पेपर बेंच दिये जाते हैं। परीक्षा के लिए राजनीति दलों के वादे नहीं बल्कि विश्वसनीयता चाहिए। छात्रों को उम्मीद है कि भर्तियां निकलेंगी लेकिन चाहे बीजेपी हो या फिर कांग्रेस कोई भी छात्रों के हित के बारे में नहीं सोच रहा है।
'सरकारी पद बनें राजनीतिक मुद्दा'
छात्रों ने कहा कि जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं छात्रों के भविष्य और सरकारी नौकरी की याद हर नेता को आने लगती है। रीत और एसआई जैसी परीक्षा अब राजस्थान में भविष्य से ज्यादा राजनीतिक विषय बनकर रह गई हैं। जिसका फायदा हर पार्टी उठा रही हैं। ऐसे में शिक्षा के विषय को राजनीति से बिल्कुल दूर रखें।