Rajasthan: 2025 तक एक साथ होंगे सभी निकाय चुनाव, जानें क्या है भजनलाल सरकार का प्लान
राजस्थान में भजनलाल सरकार निकाय चुनावों में बड़े बदलाव लाने जा रही है!। एक राज्य, एक चुनाव और एक शहर, एक निकाय नीतियों को लागू करने के लिए सभी नगरीय निकायों का सीमा विस्तार और वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा।
राजस्थान की भजनलाल सरकार पूर्व सरकारों की योजनाओं और फैसलों की समीक्षा कर रही है। इसी बीच खबर है कि निकाय चुनावों की प्रक्रिया बदलने पर भी राज्य सरकार विचार कर रही है। दरअसल, डिपार्टमेंट ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन डवलपमेंट मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने एक बयान में सूबे में वन स्टेट वन इलेक्शन और शहर एक निकाय की व्यवस्था लागू करने की बात दोहराई। कहा, इससे पहले राजस्थान के सभी नगरीय निकायो का सीमा विस्तार किया जाए और इसके बाद वॉर्डों का पुनर्गठन होगा। जिसके बाद जयपुर,कोटा, जोधपुर समेत पूरे राज्य में एक निकाय मॉडल के साथ चुनाव कराएं जाएंगे।
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भजनलाल सरकार ने बदला कांग्रेस का फैसला
बता दें, बीते दिनों भजनलाल सरकार ने पूर्व की कांग्रेस सरकार की तरफ से जयपुर,जोधपुर और कोटा में बनाए दो निगम को बदलने का फैसला लिया था। सरकार प्रदेश में वन स्टेट,वन इलेक्शन, एक शहर, एक निकाय व्यवस्था के तहत चुनाव कराना चाहती है। इस निर्णय के बाद जोधपुर,कोटा और ,जयपुर में दो-दो नगर निगम को खत्म कर एक बनाया जाएगा। इस दिशा में सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है। वहीं, जिन निकायों का सीमा विस्तार किया जाना है इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही वॉर्डो का पुनर्गठन होगा और एक शहर-एक निकाय की व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि 2025 में पूरे राज्य के चुनाव एक साथ करवाने का प्रयास है।
2025 तक वन स्टेट-वन इलेक्शन का उद्देश्य
वहीं यूडीएच मंत्री ने बताया कि पूरे राज्य में ये प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरा होने पर जोर दिया जा रहा है ताकि 2025 तक चुनाव कराए जा सकें। उदाहरण देते हुएझाबर सिंह खर्रा ने कहा कि,कुछ वार्डों में मतदाताओं की संख्या में भारी अंतर है, कुछ वार्डों में 1000 मतदाता हैं जबकि अन्य में 4000 हैं, यह चिंताजनक है क्योंकि आदर्श रूप से, वार्डों में मतदाताओं की संख्या में 10% से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि जब सभी नगरीय निकायों में पुनर्सीमांकन और वार्डों का पुनर्गठन होगा तो इस अंतर को कम करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। गौरतलब है, एक शहर, एक निकाय नीति लागू करने के कारण, जयपुर, जोधपुर और कोटा में दोबारा एक-एक नगर निगम के हिसाब से वार्ड बनाए जाएंगे। संभावना है कि इन शहरों में वार्ड मर्ज होंगे और पार्षदों की संख्या कम हो सकती है।उन्होंने यह भी बताया कि इस साल चुनाव होने वाले निकायों के लिए, अगर 2025 में सभी निकायों में एक साथ चुनाव होंगे तो वहां प्रशासक नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।