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राजस्थानी सिंगर मामे खान जो बॉलीवुड के साथ अमेरिका और यूरोप में भी मचा चुका है धूम

राजस्थानी लोक सिंगर मामे खान का बॉलीवुड में एंट्री की कहानी बेहद दिलचस्प है। वो एक बार इला अरुण की बेटी की शादी के वेडिंग शो के लिए मुंबई पहुंचे थे, उस शादी में मौजूद शंकर महादेवन ने मामे खान का गाना सुना तो उनके मुरीद हो गए।

राजस्थानी सिंगर मामे खान जो बॉलीवुड के साथ अमेरिका और यूरोप में भी मचा चुका है धूम
mame khan famous rajasthani singer

राजस्थान के सिंगर मामे खान राजस्थानी लोक गीतों को अमेरिका और यूरोप की धरती तक पहुंचा चुके हैं। वो फ्रांस के फेमस कान्स फिल्म फेस्टिवल में जाकर भी देश का नाम रोशन कर चुके हैं। वैसे तो मामे खान ने सिर्फ 12 साल की उम्र में पहली परफॉर्मेंस देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सामने दी थी। लेकिन उनके संघर्ष का रास्ता आसान नहीं था। संघर्ष में तपकर मामे खान आज देश ही नहीं विदेश में भी खूब नाम कमां चुके हैं। तो आइए आज हम आपको राजस्थान के लोक गायक मामे खान की कहानी से रूबरु कराते हैं।

मामे खान का जीवन है संगीत

राजस्थान के जैसलमेर के सत्तों गांव के रहने वाले मामे खान ने अपने संगीत से बॉलीवुड के साथ-साथ अमेरिका और यूरोप में भी खूब पसंद किया गया। बताया जाता है कि मामे खान ने अपने संगीत के सफऱ की शुरूआत शादी-ब्याह में माता-पिता से साथ गाने वाले के तौर पर की थी। लेकिन आज मामे खान दुनियाभर में फेमस हैं। फ्रांस के कान्स फेस्टिवल के रेड कार्पेट पर चलकर राजस्थानी सिंगर ने देश का नाम रोशन किया।

मामे खान का परिचय

राजस्थान में लोक संगीतकार के तौर पर फेमस मामे खान मांगणियार समुदाय से आते हैं। बचपन से ही उनके आस-पास संगीत का माहौल था, सिर्फ 12 साल की उम्र में ही उनके सिंगिंग करियर की शुरुआत हो गई थी। सिगंर का पहला  परफॉर्मेंस तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सामने था। उसके बाद कई साल तक सिंगर का संघर्ष चलता रहा और साल 1999 में उनकी एंट्री बॉलीवुड में हो गई। उन्होंने दूरदर्शन से लेकर कोक स्टूडियो, हिंदी सिनेमा और विदेशी धरती पर कई स्टेज शो किए हैं।

संघर्ष ने बनाया बेहतरीन सिंगर

छोटी सी उम्र में ही मामे खान को परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी समझ हो गई थी। घर में संगीत का माहौल था, इसलिए बचपन से ही ढोलक और सितार उनके हाथ में थे। मामे खान माता-पिता के साथ शादी में जाकर गाना गाया करते थे। साल 1999 में म्यूजिकल प्रोग्राम के लिए मामे खान अमेरिका गए थे, तब वो स्टेज पर वह ढोलक बजाया करते थे। मामे खान उस समय ढोलक बजाना नहीं बल्कि गाना गाना चाहते थे। तो उन्होंने पिता से कहा कि वो अपनी ढोलक बेल्जियम में ही भूल गए हैं। पिता ने बेटे की बात को समझ लिया और कहा कि  'आज के बाद तुम्हें ढोलक नहीं बजाना है, बल्कि गाना है।'

बॉलीवुड में हुई थी रोमाचंक एंट्री

राजस्थानी लोक सिंगर मामे खान का बॉलीवुड में एंट्री की कहानी बेहद दिलचस्प है। वो एक बार इला अरुण की बेटी की शादी के वेडिंग शो के लिए मुंबई पहुंचे थे, उस शादी में बॉलीवुड की कई हस्तियां मौजूद थीं। जब शंकर महादेवन ने मामे खान का गाना सुना तो उनके मुरीद हो गए और उन्हें पहला मौका फिल्म 'लक बाय चांस' में मिला। बावरे गाना गाकर वो फेसम हो गए। इसके बाद उन्होंने 'जब सावन बिछुड़ों', 'लोली' और 'केसरिया बालम' जैसे कई हिट गाने दिए और सिगिंग की दुनिया में पीछे पलटकर नहीं देखा।