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RSS का नाद गोविंदम् कार्यक्रम अल्बर्ट हॉल में हुआ संपन्न, निम्बाराम ने युवाओं को दिया खास संदेश

जयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के ऋषि गालव भाग द्वारा "नाद गोविंदम्" कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संघ के स्वयंसेवकों ने घोष वाद्य यंत्रों के साथ अल्बर्ट हॉल तक पथ संचलन किया। इस आयोजन में मुख्य वक्ता निम्बाराम ने संघ के शताब्दी वर्ष में समाज के साथ मिलकर चलने का आह्वान किया।

RSS का नाद गोविंदम् कार्यक्रम अल्बर्ट हॉल में हुआ संपन्न, निम्बाराम ने युवाओं को दिया खास संदेश

जयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के ऋषि गालव भाग द्वारा आयोजित "नाद गोविंदम्" कार्यक्रम ने शहर में देशभक्ति और संस्कृति की एक अनोखी लहर पैदा कर दी। 25 अगस्त को आयोजित इस कार्यक्रम में संघ के स्वयंसेवकों ने अल्बर्ट हॉल तक घोष पथ संचलन का आयोजन किया, जिसमें तोपखाना संघस्थान से लेकर अजमेरी गेट और न्यू गेट होते हुए रामनिवास बाग तक कदम से कदम मिलाते हुए पहुंचे।

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अल्बर्ट हॉल में संपन्न हुआ कार्यक्रम

घोष वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियों के बीच, यह पथ संचलन जयपुर की ऐतिहासिक धरोहर अल्बर्ट हॉल पर संपन्न हुआ। इस हॉल पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में, राजस्थान संगीत संस्थान, जयपुर के डॉ. विजयेन्द्र गौतम, भाग संघचालक अशोक जैन, और क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने 22 प्रकार की घोष रचनाओं की प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

वास्तविक उद्देश्यों पर प्रकाश डाला

मुख्य वक्ता क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने अपने संबोधन में संघ के वास्तविक उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संघ प्रचार या प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि व्यक्ति निर्माण के लिए कार्य करता है। उन्होंने 2017 में आयोजित स्वर गोविंदम कार्यक्रम की याद दिलाते हुए कहा कि शारीरिक, समता और घोष के कार्यक्रमों के लिए बहुत अभ्यास की आवश्यकता होती है। बिना अभ्यास के निपुणता और गुणवत्ता का आना असंभव है। उन्होंने बताया कि संघ में विभिन्न प्रकार के संगीत और वाद्य यंत्रों का निर्माण और अभ्यास किया जाता है, जिससे उसकी प्रतिष्ठा आज सम्पूर्ण समाज और देश में बढ़ गई है।

मोबाइल पर समय बर्बाद करने से बचें 

निम्बाराम ने संघ के शताब्दी वर्ष का उल्लेख करते हुए समाज को साथ लेकर चलने का आग्रह किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन संघर्ष से भरा हुआ था, जिससे हमें जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने युवाओं को मोबाइल पर समय बर्बाद करने के बजाय शारीरिक सौष्ठव और मानसिक विकास पर ध्यान देने की बात कही।

संघ के पंच प्रण का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य समाज के सभी क्षेत्रों में कार्य कर रही संस्थाओं के साथ मिलकर देश के विकास में योगदान देना है। उन्होंने शताब्दी वर्ष के मौके पर गुणवत्तापूर्ण कार्य करने और सम्पूर्ण समाज को साथ लेकर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया।