Sawai Madhopur News: निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में खामियां देख आग बबूला हो गए जिला प्रभारी, फिर जो हुआ...
जिला प्रभारी सचिव संदीप वर्मा आज जिला कलेक्टर डॉक्टर खुशाल यादव के साथ सवाई माधोपुर के ठींगला में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल पहुंचे और निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया ।
सवाई माधोपुर जिला प्रभारी सचिव संदीप वर्मा जिला मुख्यालय पर निर्माणाधी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में कमियां देख खासा नाराज हुए। उन्होंने निर्माण करने वाली एजेंसी और निगरानी करने वाले अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई। साथ ही मैन पावर बढ़ाकर निर्माण नियम समय में जल्द से जल्द पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
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निरीक्षण के दौरान मिलीं खामियां
जिला प्रभारी सचिव संदीप वर्मा आज जिला कलेक्टर डॉक्टर खुशाल यादव के साथ सवाई माधोपुर के ठींगला में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल पहुंचे और निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया । इस दौरान रास्ते में कीचड़ जमा होने पर खासी नाराजगी जताई और अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि आप सवाईमाधोपुर और राजस्थान सरकार को बदनाम कराओगे।
हॉस्टल और मेस का किया निरीक्षण
मेडिकल कॉलेज में छात्रों के लिए बने कमरों के हालात देख उन्होंने कहा कि जब लड़कों की व्यवस्था खराब है, तो फिर छात्राओं के कमरों के हालात क्या होंगे। मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस करने आने वाले विद्यार्थी क्या मैसेज लेकर जाएंगे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज निर्माण की निगरानी करने वाले स्थानीय अधिकारियों से कौन-कौनसा सामान कब आएगा, मेस में खाना कौन बनाएगा आदि की जानकारी ली।
सही जवाब न मिलने पर भड़के
इस बारे में सही जवाब नहीं देने पर प्रभारी सचिव ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में अभी कुछ भी व्यवस्था नहीं है, जबकि अक्टूबर माह में कॉलेज शुरु हो जाएगा। उन्होंने लताड़ लगाई कि वर्क ऑर्डर देख कर कहानी सुना रहे हो। बदनामी सरकार की होगी, आप पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। आपके पास आपके पास एक भी चीज की तारीख नहीं है कि कौनसा सामान कब आएगा और ना ही वर्क आर्डर है तो ऐसे में कैसे काम होगा। जिन कमरों में छात्र-छात्रा रहेंगे उनमें खिड़की दरवाजे नहीं है। सीढि़यां खुली हुई हैं।
उन्होंने कहा कि यहां आने वाली छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा, बेवकूफ समझते हो। कॉलेज के जैसे हालात है उसे देखकर तो ऐसा लगता है कि यह एक साल में भी पूरा नहीं होगा। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के पास स्थित केंद्रीय विद्यालय से टाइप कर मेडिकल छात्रों के लिए खेल मैदान का रास्ता बनवाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि दस-पन्द्रह दिन में विद्यार्थी आ जाएंगे। ऐसे में बहुत त्वरित गति से कार्य करना पड़ेगा। महिला सुरक्षा को लेकर कोई समझोता नहीं किया जा सकता है। बच्चों के लिए खेल की सुविधा हो। सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। मेस में खाने के इक्वुपमेंट नहीं आए हैं, व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार का टेस्ट ही यह है कि हम आगामी दस-पन्द्रह दिनों में पूरी व्यवस्थाएं सुचारु करें। मेडिकल कॉलेज में पानी नहीं भरे इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम को दुरस्त किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल निर्माण प्रोजेक्ट में गति लानी होगी। इस सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों से बात कर व्यवस्था को दुरस्त कराया जाएगा।
रिपोर्ट- बजरंग सिंह