Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

महंगे टमाटर और प्याज ने आम आदमी की रसोई में मचाई खलबली, छीनी हरी भरी थाली

बांदीकुई में सब्जियों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे आम लोगों की थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही हैं। टमाटर, प्याज और आलू जैसी रोजमर्रा की सब्जियां अब गरीब और मध्यम वर्ग के लिए खरीदना मुश्किल हो गया है। खराब मौसम और परिवहन लागत में वृद्धि इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं

महंगे टमाटर और प्याज ने आम आदमी की रसोई में मचाई खलबली, छीनी हरी भरी थाली

सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ने आम लोगों की रसोई में खलबली मचा दी है। टमाटर, प्याज, हरी मिर्च और लहसुन जैसी रोजमर्रा की सब्जियां अब आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। बांदीकुई में बढ़ती महंगाई का सबसे ज्यादा असर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों पर पड़ा है, जहां पहले घरों में हरी सब्जियों की भरमार रहती थी, अब लोग मजबूरन सस्ती और सीमित विकल्पों पर निर्भर हो रहे हैं।

ये भी पढ़ें-

सब्जियों की कीमतें हुईं दुगनी-तिगुनी

पिछले कुछ महीनों में सब्जियों के दामों में तेज़ी से वृद्धि हुई है। जहां कुछ समय पहले तक टमाटर 20-30 रुपये प्रति किलो बिकता था, अब इसकी कीमतें 70-100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी हैं। इसी तरह प्याज, आलू, गोभी, लहसुन और हरी मिर्च के दाम भी काफी बढ़ गए हैं। आलू 40 रुपये किलो, लहसुन 300-400 रुपये प्रति किलो, और हरी मिर्च 80-120 रुपये किलो बिक रही है। पत्तेदार सब्जियों जैसे धनिया, पालक और मेथी की कीमतें तीन गुना तक बढ़ चुकी हैं। धनिया, जो पहले 10-20 रुपये किलो में मिलता था, अब 50-100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

खराब मौसम और परिवहन लागत बनीं प्रमुख वजह

बांदीकुई की सब्जी मंडी के व्यापारी दिलीप सैनी ने बताया कि खराब मौसम और बेमौसम बारिश ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। कई इलाकों में बाढ़ और बारिश के कारण सब्जियों की आपूर्ति में कमी आई है, जिसके चलते कीमतें बढ़ रही हैं। इसके अलावा, परिवहन लागत में भी वृद्धि हुई है, जिसका सीधा असर सब्जियों के दामों पर पड़ा है।

गरीब और मध्यम वर्ग के लिए मुश्किलें बढ़ीं

सब्जियों की कीमतों में वृद्धि का सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों पर पड़ा है। जहां पहले इन परिवारों की थाली में कई प्रकार की सब्जियां होती थीं, अब वे केवल दाल-रोटी और सूखी सब्जियों पर निर्भर हो गए हैं। बांदीकुई की गृहिणी सीमा देवी ने कहा, "बढ़ती महंगाई ने हमारे घर का बजट बिगाड़ दिया है। हमें पौष्टिक भोजन के लिए विकल्प तलाशने पड़ रहे हैं।"