विधानसभा में राज्य सरकार ने पेश किया डाटा, 2021 से प्रदेश में लड़कियों के खिलाफ 14,731 यौन अपराध दर्ज
सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, POCSO अधिनियम के तहत जून 2021 और जून 2024 के बीच सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जिनमें शीर्ष पांच जिले हैं। इनमें 982 मामलों के साथ जयपुर, 586 मामलों के साथ अलवर, 512 मामलों के साथ उदयपुर, 459 मामलों के साथ हनुमानगढ़ और जोधपुर 452 मामलों के साथ है।
राज्य सरकार ने विधानसभा में कहा कि राजस्थान में 2021 से 2024 के बीच बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत नाबालिग लड़कियों के खिलाफ यौन अपराधों के 14,731 मामले दर्ज किए गए हैं।
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बता दें कि यह डेटा राज्य विधानसभा में भीनमाल निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक समरजीत सिंह के एक अतारांकित प्रश्न पर प्रदान किया गया था।
सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, POCSO अधिनियम के तहत जून 2021 और जून 2024 के बीच सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जिनमें शीर्ष पांच जिले हैं। इनमें 982 मामलों के साथ जयपुर, 586 मामलों के साथ अलवर, 512 मामलों के साथ उदयपुर, 459 मामलों के साथ हनुमानगढ़ और जोधपुर 452 मामलों के साथ है।
बता दें कि विधायक समरजीत सिंह ने उन मामलों की जिला और वर्षवार जानकारी भी मांगी है, जिनमें पुलिस ने अदालत में चालान पेश कर दिया है और जिनमें जांच लंबित है।
वहीं सरकार ने अपने जवाब में कहा कि 10,394 मामलों में चालान पेश किया जा चुका है जबकि 1,056 मामलों में जांच लंबित है। सरकारी आंकड़ों में लंबित जांच का वर्षवार विवरण भी बताया गया है। जिसमें 2021 से चार मामले, 2022 से 24, 2023 से 144 और 2024 से 884 मामले शामिल हैं।
वहीं जिन अधिकारियों ने अब तक अदालत में चालान पेश नहीं किया है, उनके खिलाफ सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में विधायक समरजीत सिंह के सवाल पर सरकार ने कहा कि कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है.
बता दें कि मीडिया से बात करते हुए विधायक ने कहा कि सवाल उठाने का उनका उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं के बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में पुलिसिंग की कमी पर ध्यान केंद्रित करना था।