Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

रिश्वत की लालच में कर रहे थे लम्बा खेल, फिर बिछा ऐसा जाल अधिकारियों में मची खलबली, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

इस मामले में जिला उद्योग केन्द्र टोंक के महाप्रबंधक सुल्तान सिंह मीना और जिला उद्योग केन्द्र बूंदी में तैनात वरिष्ठ सहायक अजय खंडेलवाल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया।

रिश्वत की लालच में कर रहे थे लम्बा खेल, फिर बिछा ऐसा जाल अधिकारियों  में मची खलबली, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

आज राजस्थान के टोंक में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। एसीबी भीलवाड़ा की टीम ने बूंदी और टोंक के जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) में एक अधिकारी समेत 3 आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा है। इस मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी गिरफ्तार किया गया है। खास बात यह है कि डीआईसी का यह महाप्रबंधक छुट्टी के दिन ऑफिस खुलवाकर अपने पूर्व कर्मचारी के जरिए घर बैठे 1 लाख रुपए की रिश्वत ले रहा था।

ये भी पढ़े-

इस मामले में जिला उद्योग केन्द्र टोंक के महाप्रबंधक सुल्तान सिंह मीना और जिला उद्योग केन्द्र बूंदी में तैनात वरिष्ठ सहायक अजय खंडेलवाल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया। चार्टर्ड अकाउंटेंट जयंत जैन को भी गिरफ्तार किया गया।

एसीबी के अनुसार जीएम के खिलाफ मुख्यमंत्री औद्योगिक प्रोत्साहन योजना के अलावा अन्य योजनाओं में नियम विरुद्ध ऋण स्वीकृत करने और अपात्र लोगों को अवैध तरीके से ऋण उपलब्ध कराने की कई शिकायतें एसीबी को मिल रही थीं। डीएसपी (एसीबी) पारसमल ने बताया कि टोंक में लंबे समय से तैनात महाप्रबंधक मीना के खिलाफ इस तरह के मामले सामने आ रहे थे। जिसके बाद इस मामले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर नजर रखी जा रही थी।

इनके लिए कर था दलाली

कर्मचारी का तबादला बूंदी हो गया था, लेकिन वह टोंक के जीएम के लिए दलाल का काम कर रहा था। हैरानी की बात यह है कि टोंक के बाद अजय खंडेलवाल का भी तबादला बूंदी हो गया था। इसके बावजूद वह जीएम मीना के लिए दलाल का काम कर रहा था। इसी दौरान एक रिसोर्ट से जुड़े मामले में उससे एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई। जिसके बाद वह पैसे देने के लिए सिविल लाइन स्थित जनरल मैनेजर सुल्तान सिंह मीना के किराए के मकान पर पहुंचा। जैसे ही उसने पैसों का बैग मीना को सौंपा, एसीबी ने दोनों को पैसों के साथ पकड़ लिया।