राजस्थान में सियासी खिचड़ी पका रहे वसुंधरा के करीबी विधायक, जान लीजिए क्या है माजरा
जयपुर के एक फाइव स्टार होटल में हुए इस डिनर की तस्वीरें सामने आने के बाद आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने के साफ संकेत मिल रहे हैं। अगर इस पर विशेष रूप से गौर करें तो ज्यादातर विधायक निर्दलीय हैं, जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं।
पिछले कुछ समय से शांत पड़ी प्रदेश की राजनीति में क्या कोई उथल-पुथल मचने वाली है? क्या भाजपा में कुछ बड़ा होने वाला है, जिसके लिए कई बार अंदेशा लगाए जा चुके हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि गुरुवार को भाजपा समर्थित 6 निर्दलीय विधायकों की डिनर मीटिंग की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई।
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जयपुर के एक फाइव स्टार होटल में हुए इस डिनर की तस्वीरें सामने आने के बाद आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने के साफ संकेत मिल रहे हैं। अगर इस पर विशेष रूप से गौर करें तो ज्यादातर विधायक निर्दलीय हैं, जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं।
किसी ने कुछ भी नहीं बताया
राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं के बीच जब 6 विधायकों में से कुछ से व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई तो वो बैठक के एजेंडे पर कुछ भी कहने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि यह बैठक महज एक अनौपचारिक बैठक थी। जिसमें विधानसभा सत्र के दौरान की गई चर्चाएं शामिल थीं और चर्चा सिर्फ अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर थी। किसी भी तरह के राजनीतिक समीकरण या अन्य राजनीतिक एजेंडे पर कोई बात नहीं हुई।
कौन-कौन था बैठक में शामिल ?इस डिनर मीटिंग में शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी के साथ-साथ वसुंधरा राजे के बेहद करीबी पूर्व मंत्री और विधायक यूनुस खान, बाड़मेर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी, चंद्रभान आक्या, जीवाराम चौधरी, रितु बनावत मौजूद रहे।
वसुंधरा के करीबी
रविंद्र भाटी सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं। इसी तरह यूनुस खान भी राजे के खुले समर्थक रहे हैं। वहीं बाड़मेर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी, चंद्रभान आक्या, जीवाराम चौधरी, रितु बनावत की गिनती राजे के खेमे में होती है।
इस डिनर की खास बात यह रही कि वहां मौजूद 6 निर्दलीय विधायकों के करीब रितु बनवत के पति और बीजेपी नेता ऋषि बंसल के अलावा किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी गई। चर्चा है कि जब निर्दलीय विधायक इस तरह साथ बैठे हैं तो डिनर चुपचाप तो नहीं किया जा सकता। यह तय है कि जिन बातों पर चर्चा हुई, उसके दूरगामी परिणाम होंगे।