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World Cup Story: 1983 में पहली बार वर्ल्ड कप जीती टीम इंडिया को मिले थे इतने पैसे, अब टीम को मिलते है इतने

World Cup Story: भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप 41 साल पहले 1983 में जीता था. उस वक्त बीसीसीआई आर्थिक रूप से मजबूत नहीं थी. उस समय जो फीस प्लेयर्स को खेलने के लिए मिलती है. वो आज की तुलना बहुत कम थी. तब बीसीसीआई के पास वर्ल्ड कप जीत कर आए प्लेयर के सम्मान करने के भी पैसे नहीं थी. 

World Cup Story: 1983 में पहली बार वर्ल्ड कप जीती टीम इंडिया को मिले थे इतने पैसे, अब टीम को मिलते है इतने

आज की तारीख में दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड भारत का बीसीआईआई है. इसके साथ भारत की टीम इस वक्त इतनी मजबूत है की वो जिस भी टूटर्नामेंट में जाती है. उसे जीतने के प्रमुख दावेदार टीमों में इंडिया का नाम जरूर होता है. लेकिन एक समय ऐसा भी था. जब भारत की टीम को सबसे कमजोर माना जाता है. उसे हराना बाकी टीमें बड़ा आसान समझती है. उसके बाद साल 1983 ने भारतीय क्रिकेट को पूरी तरह से बदल दिया. अंडरडॉग के रूप में वर्ल्ड कप खेलने गई टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीत कर पूरी दुनिया को चौका दिया. इस फाइनल में भारत ने उस वक्त की नंबर वन टीम वेस्टइंडीज को हराया था. उस वक्त भारत के प्लेयर्स को मैच खेलने के लिए जो फीस मिलती थी, वो आज के मुकाबले में बहुत कम थी. 



1983 वर्ल्ड कप में कितने मिलती थी फीस 

टीम इंडिया के प्लेयर को 1983 वर्ल्ड कप में बहुत कम फीस मिलती थी. बीते दिनों सोशल मीडिया में 31 सितंबर 1983 की एक फीस स्लीप काफी वायरल हुई थी. वायरल स्लीप के मुताबिक उस समय इंडियन प्लेयर को 200 रूपये अलाउंस और 1500 मैच खेलने की फीस मिलती थी. उस समय टीम के कप्तान कपिल देव को भी 1500 रूपये फीस मिलती थी. जबकि आज के समय में भारतीय प्लेयर को एक वनडे मैच खेलने के लिए 6 लाख रूपये मिलते है.

बीसीसीआईई के पास स्वागत के लिए नहीं थे पैसे

1983 वर्ल्ड कप के समय बीसीसीआई के पास इतने पैसे नहीं थे, कि वो प्लेयर्स का सम्मान कर सके. बीसीसीआईआई प्लेयर्स को ईनाम देना चाहती थी. लेकिन उसके पास इसके लिए फंड नहीं था. तब क्रिकेट प्रशासक राजसिंह डांगूरपुरा ने उस समय बीसीसीआई के अध्यक्ष एनकेपी साल्वे को एक सुक्षाव दिया और कहा कि मशहूर सिंगर लता मंगेशकर से दिल्ली में एक कार्यक्रम करने को कहा जा सकता है और उससे जो पैसा मिलेगा उसकी मदद से टीम का सम्मान किया जा सकता है. लता मंगेशकर क्रिकेट फैन थी और वह इसके लिए मान भी गईं. इस कार्यक्रम से 20 लाख रुपये की कमाई हुई और हर खिलाड़ी को एख लाख रुपये दिए गए. लता ने इस कार्यक्रम के लिए एक भी पैसा नहीं लिया था.    

आज मिलते है इतने पैसे

1983 में सभी क्रिकेट खिलाड़ियों की मैच फीस एक थी, लेकिन अब क्रिकेट प्लेयर्स को मिलने वाली फीस उनकी ग्रेड के हिसाब से तय होती है. बीसीसीआई अब अपने खिलाड़ियों को एनुअल कॉन्ट्रैक्ट ऑफर करता है. दुनिया के सबसे अमीर खेल निकायों में से एक, भारतीय क्रिकेट बोर्ड 4 ग्रेड – A+, A, B और C कॉन्ट्रैक्ट ऑफर करता है. सबसे कम वार्षिक शुल्क (ग्रेड C) 1 करोड़ रुपये है.

ग्रेड A+ में 7 करोड़, A में 5 करोड़, B में 3 करोड़ मिलते है. A+ ग्रेड में केवल 3 खिलाड़ी हैं- विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमरा. वार्षिक रिटेनरशिप के अलावा, खिलाड़ियों को मैच फीस और पर्याप्त मात्रा में भत्ते भी मिलते हैं. एक वनडे मैच खेलने के लिए हर क्रिकेटर को प्रति गेम 6 लाख रुपये मिलते हैं. एक टी20 अंतरराष्ट्रीय के लिए यह रकम 3 लाख रुपये है. वहीं, एक टेस्ट मैच खेलने के लिए यह रकम 15 लाख रुपये है.