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सीएम योगी के चूरन वाले बयान पर मचा हाहाकार

भगवान सत्यनारायण की कथा में पंजीरी बंटती है या चूरन ये तो जिसकी जैसी भावना है, वो उसको वैसे ही ग्रहण करेगा लेकिन सियासत में अगर इसका जिक्र हो तो फिर बात उठती है कि आखिर ये किस संदर्भ में कही गई. तो बताते हैं कि आखिर ये बात कहां से उठी और किसको चुभी और फिर वार पलटवार का सिलसिला शुरू क्यों हुआ.

सीएम योगी के चूरन वाले बयान पर मचा हाहाकार

भगवान सत्यनारायण की कथा में पंजीरी बंटती है या चूरन ये तो जिसकी जैसी भावना है, वो उसको वैसे ही ग्रहण करेगा लेकिन सियासत में अगर इसका जिक्र हो तो फिर बात उठती है कि आखिर ये किस संदर्भ में कही गई. तो बताते हैं कि आखिर ये बात कहां से उठी और किसको चुभी और फिर वार पलटवार का सिलसिला शुरू क्यों हुआ.

देश में लोकसभा चुनाव के दो चरण बीत चुके हैं और इनके सब के बीच नेताओं के बीच वार-पलटवार और एक दूसरे के ऊपर ऐसे चुभने वाले कटाक्ष किए जा रहे हैं, जिसका दर्द दूर तक नजर आ रहा है. ऐसा ही एक मामला मैनपुरी से निकलकर सामने आया है. 25 तारीख को मैनपुरी में बीजेपी उम्मीदार के पक्ष में वोट मांगने के लिए जसवंतनगर विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामलीला मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए चूरन का जिक्र क्या छेड़ा कि वो बात सीधे सपा नेता शिवपाल सिंह यादव के हाजमे को खराब कर गई. दरअसल मैनपुरी से लोकसभा प्रत्याशी जयवीर सिंह से समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एक वक्त ऐसा भी था कि समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के बाद अगर किसी की तूती बोलती थी तो वो शिवपाल यादव कि थी लेकिन आज उनकी दशा देखकर तरस आता है.

सीएम के तंज पर शिवपाल का पलटवार

सीएम योगी ने जो तंज कसा उसका शिवपाल सिंह यादव पर इतना असर हुआ कि उन्होंने पलटवार करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा.

ये योगी नहीं ढोंगी है - अखिलेश यादव

सीएम योगी के चूरन वाला ये बयान पर केवल शिवपाल सिंह यादव को ही नहीं चुभा बल्कि अखिलेश यादव को भी नागवार लगा और इसको लेकर उन्होंने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा.

बता दें कि मैनपुरी लोकसभा सीट को मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता है और सपा ने यहां से डिंपल यादव को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि बीजेपी ने ठाकुर जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है. बीजेपी किसी भी कीमत पर सपा के इस किले को कब्जाना चाहती है, तो ऐसे में देखना ये दिलचस्प होगा कि इस बार के चुनाव में मैनपुरी की बाजी किसके हाथ लगती है.