योगी आदित्यनाथ का बयान, 'संत कभी सत्ता का गुलाम नहीं होता,' चंदौली में छिड़ा नया सियासी विवाद
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चंदौली में अघोराचार्य बाबा कीनाराम के 425वें जन्मोत्सव पर कहा कि कोई भी संत या योगी कभी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। उनका मुख्य उद्देश्य समाज को सही मार्ग पर प्रेरित करना होता है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत कर रही है, जिसकी अगुवाई खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने चंदौली जिले में आयोजित अघोराचार्य बाबा कीनाराम के 425वें जन्मोत्सव समारोह में शिरकत की।
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कोई भी संत सत्ता का गुलाम नहीं
इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी संत, महात्मा या योगी कभी सत्ता का गुलाम नहीं होता; वे समाज को अपने मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। बाबा कीनाराम ने 425 साल पहले अपने दिव्य साधना से इसी मार्ग का अनुसरण किया और समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत किया।
भगवा वस्त्र के सत्ता संभालने पर बोले
सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद कार्यक्रम में उपस्थित लोग तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत करने लगे। हालांकि, सीएम योगी के इस बयान से क्या कहना चाह रहे थे, इसकी भी खूब चर्चा हो रही है। इससे पहले, एक बार उनसे पूछा गया था कि भगवा वस्त्र पहनकर सत्ता संभालने पर सवाल क्यों उठते हैं।
इस पर योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यह भारत की असली परंपरा है। भारत को न समझने वाले ही ऐसे सवाल कर सकते हैं, क्योंकि इस देश में एक योगी ही राजयोगी बना है। उन्होंने आगे कहा था कि दिल्ली में मोदी जी राजयोगी के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई है।
सीएम योगी का बयान
इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा कीनाराम ने अपने सिद्धि से राष्ट्र और लोक कल्याण के लिए काम किए थे। उस समय के समाज की विकृति को देखते हुए उन्होंने समाज को जोड़ने का काम किया था। आदिवासियों, दलितों और वनवासियों को बिना भेदभाव से मुक्त कराकर सुंदर समाज की स्थापना करने का अलख जगाया था। सीएम योगी ने आगे कहा कि उच्च कुल परिवार में जन्म लेने के बाद भी बाबा ने बड़ी संख्या में जनजातियों और अन्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाबा कीनाराम के बारे में बात करते हुए कहा था कि भारत की सभी साधना विधियों को एक साथ जोड़कर काशी में क्री कुंड की स्थापना की थी। इसके आगे उन्होंने कहा कि जब चंदौली में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा था, उस समय यहां के विधायक और सांसद ने प्रस्ताव रखा था कि बाबा के नाम पर कुछ होना चाहिए, तो मैंने कहा था ये हमारा सौभाग्य है कि पूज्य बाबा के नाम पर बन रहा है।