Russia Ukraine War पर पुतिन की नई पहल, BRICS देशों से शांति वार्ता में मध्यस्थता की अपील
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में BRICS देशों से यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष में शांति वार्ता में मध्यस्थता का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि युद्ध के प्रारंभिक दौर में हुए समझौते को आधार बनाकर नई वार्ता की जा सकती है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में BRICS देशों से शांति वार्ता में मध्यस्थता करने की उम्मीद जताई है। यह बयान उस समय आया है जब यूक्रेन के साथ रूस की जंग को दो साल से ज्यादा हो गया है और युद्ध में रूस को सफलता प्राप्त होती नहीं दिख रही है।
यूक्रेन और रूस के बीच साल 2022 में संघर्ष शुरू हुआ था, और इस बीच रूस पर कई देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के चलते रूस की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा है। इस संघर्ष में रूस को महत्वपूर्ण लाभ नजर नहीं आ रहा है, और यूक्रेन ने जंग के मैदान में मजबूती से डटे रहने का संकेत दिया है।
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BRICS, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और साउथ अफ्रीका शामिल हैं, एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय समूह है जो वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करता है। पुतिन ने BRICS देशों से शांति वार्ता में मध्यस्थता का अनुरोध किया है, यह संकेत करते हुए कि रूस शांति की ओर बढ़ने के लिए एक कूटनीतिक समाधान की तलाश में है।
इस्तांबुल में हुआ रूस और यूक्रेन का समझौता
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि चीन, भारत, और ब्राजील संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ के रूप में कार्य कर सकते हैं। पुतिन के अनुसार, युद्ध के पहले हफ्ते में इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच एक समझौता हुआ था। हालांकि, यह समझौता कभी लागू नहीं हुआ। इस समझौते के आधार बनाकर नए सिरे से बातचीत की जा सकती है।
पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर रूस का बयान
कुछ समय पहले पीएम मोदी यूक्रेन के दौरे पर थे, जिस पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई थी। इस पर रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी की यह यात्रा यूक्रेन संकट के राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान की दिशा में किया गया व्यवहारिक प्रयास है। रूसी के अनुसार भारत को एक प्रभावशाली वर्ल्ड पावर बताया है जो अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार अपनी विदेश नीति बनाता है।