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अरविंद केजरीवाल अभी रहेंगे जेल में, अदालत ने 3 जुलाई तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 3 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। कथित आबकारी मामले में सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी है।

अरविंद केजरीवाल अभी रहेंगे जेल में, अदालत ने 3 जुलाई तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 3 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। कथित आबकारी मामले में सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी है। अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर 1 जून तक अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आए थे, उन्होंने पार्टी के लिए खूब प्रचार किया था। जिसके बाद उन्हें फिर जेल जाना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आज बुधवार को खत्म हो रही थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी हिरासत बढ़ा दी है, जिसके बाद वह अब 3 जुलाई तक जेल में ही रहेंगे।

ASG एसवी राजू ने क्या कहा?

अदालत में ईडी की तरफ से पेश ASG एसवी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को CBI मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है, यह मामला ED का है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इसकी जरूरत नहीं है। ASG ने एक फैसला पढ़ते हुए कहा कि अनुसूचित अपराध में आरोपी होने की जरूरत नहीं है। वह अभी भी PMLA के तहत आरोपी हो सकता है। CBI का मामला है कि अरविंद केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी। ASG ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के लिए फंड मांगा।

केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर कही बड़ी बात

ASG ने सीएम केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर भी अपना पक्ष रखा। ASG ने कहा कि उन्होंने कहा कि आपने मुझे इसलिए गिरफ़्तार किया, क्योंकि आप नहीं चाहते थे कि मैं चुनाव में हिस्सा लूं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ध्यान रखा है। ASG ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और कहा कि सरेंडर की अवधि नहीं बढ़ाई गई है। कृपया शर्तों पर गौर करें। यह आदेश केवल उन्हें चुनाव प्रचार करने की अनुमति देने के लिए था। केजरीवाल अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन उनकी जमानत खारिज कर दी गई। केजरीवाल को पता था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वरूप अलग था, इसलिए उन्होंने मेडिकल आधार पर याचिका दायर की, उस आदेश को चुनौती नहीं दी गई है। यह कोई नियमित अंतरिम जमानत नहीं थी, यह केवल चुनावों के लिए दी गई थी। अरविंद केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने कहा कि हमने मामले की मेरिट के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कभी भरोसा नहीं किया।