पूजा खेडकर की अफसरी छिनी, भविष्य में भी नहीं बन पाएंगी IAS-IPS, UPSC का बड़ा एक्शन
यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 821वीं रैंक हासिल करने वाली प्रोबिशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के आवेदन में अनियमितताओं को लेकर विवादास्पद प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की अंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी है। निकाय ने उसे यूपीएससी द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा में बैठने से भी रोक दिया है।
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यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 821वीं रैंक हासिल करने वाली प्रोबिशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप है। उन पर सिविल सेवा परीक्षा में स्वीकार्य सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाने के लिए अपनी पहचान को गलत साबित करने का भी आरोप है।
दिल्ली पुलिस ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा दायर एक शिकायत पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
यूपीएससी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, "जांच से यह पता चला है कि उसने अपना नाम, अपने पिता और माता के नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर बदलकर अपनी पहचान फर्जी बनाकर परीक्षा नियमों के तहत तय सीमा से अधिक प्रयासों का धोखाधड़ी से लाभ उठाया।"
यह रिपोर्ट आने के बाद कि उन्होंने अपनी शारीरिक विकलांगता साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, यूपीएससी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया।
यूपीएससी की यह कार्रवाई पूजा खेडकर को महाराष्ट्र सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किए जाने के दो सप्ताह बाद आई है।
उन्हें मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में वापस बुला लिया गया तथा उनका प्रशिक्षण रोक दिया गया।