नई शिक्षा नीति के तहत 'अस्मिता' परियोजना की शुरूआत, भारतीय भाषाओं में 22 हजार पुस्तक होगी प्रकाशित
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी ने शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए 5 वर्षों में भारतीय भाषाओं में 22,000 पुस्तकें प्रकाशित करने हेतु अस्मिता परियोजना शुरू की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को अगले पांच वर्षों में भारतीय भाषाओं में 22,000 पुस्तकें प्रकाशित करने की परियोजना शुरू की। अस्मिता (अनुवाद और अकादमिक लेखन के माध्यम से भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री का संवर्धन) नामक परियोजना का शुभारंभ उच्च शिक्षा सचिव संजय मूर्ति ने किया।
यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई कई पहलों में से एक है। यह शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय के तहत एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति, यूजीसी और भारतीय भाषा समिति का एक सहयोगात्मक प्रयास होगा।
यूजीसी ने एक बयान में कहा, "इस परियोजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा के विभिन्न विषयों में भारतीय भाषाओं में अनुवाद और मूल पुस्तक लेखन के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। इसका लक्ष्य पांच साल के भीतर 22 भाषाओं में 1,000 किताबें तैयार करना है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय भाषा में 22,000 किताबें होंगी।"
जून 2025 तक पहला लक्ष्य 1,800 पाठ्यपुस्तकें तैयार करना है- यूजीसी अध्यक्ष
यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा कि इस पहल के तहत आयोग का लक्ष्य जून 2025 तक कला, विज्ञान और वाणिज्य धाराओं को कवर करते हुए 1,800 पाठ्यपुस्तकें तैयार करना है।
उन्होंने कहा, "इस परियोजना का नेतृत्व करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के सदस्य विश्वविद्यालयों के साथ 13 नोडल विश्वविद्यालयों की पहचान की गई है। यूजीसी ने प्रत्येक निर्दिष्ट भाषा में पुस्तक लेखन प्रक्रिया के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी बनाई है। इस एसओपी में नोडल अधिकारियों, लेखकों की पहचान, शीर्षक, विषय और कार्यक्रम का आवंटन, लेखन और संपादन, पांडुलिपि जमा करना, समीक्षा और साहित्यिक चोरी की जाँच, अंतिम रूप देना, डिजाइन करना, प्रूफ-रीडिंग और ई-प्रकाशन शामिल हैं।"
मंत्रालय द्वारा 'बहुभाषा शब्दकोष' का शुभारंभ
इसके अलावा, मंत्रालय ने मंगलवार को भारतीय भाषाओं का बहुभाषी शब्दकोश बहुभाषा शब्दकोष भी लॉन्च किया। यूजीसी ने बयान में कहा, "यह पहल केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल) द्वारा भारतीय भाषा समिति के सहयोग से विकसित की जाएगी। यह शब्दकोष आईटी, उद्योग, अनुसंधान, शिक्षा जैसे विभिन्न नए युग के क्षेत्रों में भारतीय शब्दों, वाक्यांशों और वाक्यों का उपयोग करने में मदद करेगा।"