एजुकेशन लोन देने से बचते हैं बैंक, तो क्या कांग्रेस के घोषणापत्र के मुताबिक इसे माफ किया जा सकता है?
एजुकेशन लोन वो माध्यम है, जिसके वजह से छात्रों को पढ़ाई में फाइनेंशियल मदद मिलती है। सरकार से मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट या कॉलेज में पढ़ने के लिए एजुकेशन लोन मिलना आसान होता है। अगर आप 7 लाख से ज्यादा का लोन लेते है, तो सिक्योरिटी की जरूरत होती है। ये सिक्योरिटी चल या अचल दोनों प्रकार की संपत्ति हो सकती है।
एजुकेशन लोन, वो स्कीम जिससे पढ़ाई का खर्चा न उठा पाने वाले छात्र इसी मदद से पढ़ाई का सपना पूरा करते हैं। हाल ही में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में दावा किया है कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो वो एजुकेशन लोन को माफ कर देंगे। लेकिन क्या वाकई ऐसा करना संभव है?
क्या है एजुकेशन लोन?
जैसा कि नाम से ही साफ है कि एजुकेशन लोन वो माध्यम है, जिसके वजह से छात्रों को पढ़ाई में फाइनेंशियल मदद मिलती है। सरकार से मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट या कॉलेज में पढ़ने के लिए एजुकेशन लोन मिलना आसान होता है। अगर आप 7 लाख से ज्यादा का लोन लेते है, तो सिक्योरिटी की जरूरत होती है। ये सिक्योरिटी चल या अचल दोनों प्रकार की संपत्ति हो सकती है।
कितना लिया गया एजुकेशन लोन?
आंकड़े इस बार पर गवाही देते हैं कि हर साल बैंकों पर एजुकेशन लोन का भार बढ़ता जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जो डाटा साइट पर शेयर किया है, उसके मुताबिक फरवरी 2024 तक 1,18,708 करोड़ रुपये एजुकेशन लोन लिया जा चुका है।
क्या एजुकेशन लोन माफ किया जा सकता है?
अब जानते हैं कि क्या एजुकेशन लोन माफ किया जा सकता है? बैंक मैनेजर बताते हैं कि एजुकेशन लोन की ईएमआई सामान्य रूप से कोर्स पूरा होने के बाद या उसके एक साल बाद शुरू होती है ताकि छात्र को पढ़ाई और नौकरी ढूंढने के पर्याप्त अवसर मिल सकें। सेंट्रल गवर्नमेंट ने CSIS के जरिए 4.5 लाख से कम इनकम वाले पैरेंट्स के बच्चों को एजुकेशन लोन का इंटरेस्ट पर सब्सिडी भी देती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर एजुकेशन लोन माफ कर दिए जाएं तो इसका भर कहीं न कहीं सरकार पर ही पड़ेगा। एजुकेशन लोन माफ किए जाने की बात पर जहां सरकार को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा, तो वहीं ये अर्थव्यस्था के लिए नुकसानदेह साबित होगा।
अर्थशास्त्री आलोक पुराणिक कहते हैं कि एजुकेशन लोन सरकारी बैंक और प्राइवेट बैंक दोनों ही देते है। प्राइवेट बैंकों का लोन माफ करने का हक सरकार के पास नही होता है। साथ ही सरकारी बैंक की हालत अच्छी नहीं है, जिससे वो लोन वापस कर सकें। जिसके बाद एक्सपर्ट का कहना है कि कुल मिलाकर ये समझना होगा कि एजुकेशन लोन माफ किए जाने पर बैंकों को या फिर टैक्स पेयर को इसकी मार सहनी होगी