पत्रकार बनना चाहती थीं अनसूया सेनगुप्ता फिर एक्ट्रेस बन देश का नाम किया रोशन
77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में अनसूया सेनगुप्ता ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने अन सर्टन रिगार्ड कैटेगरी में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीता है। वो इस फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीतने वाली पहली इंडियन कलाकार बन गई हैं। अनसूया को फिल्म 'शेमलेस' के लिए अवॉर्ड मिला है।
77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में अनसूया सेनगुप्ता ने इतिहास रच दिया है। अनसूया सेनगुप्ता कोलकाता की रहने वाली है। उन्होंने अन सर्टन रिगार्ड कैटेगरी में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीता है। वो इस फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीतने वाली पहली इंडियन कलाकार बन गई हैं। अनसूया को फिल्म 'शेमलेस' के लिए अवॉर्ड मिला है। इस फिल्म को बुल्गारिया के कॉन्स्टेंटिन बोजानोव ने डायरेक्ट किया है। इसी सब के साथ ही खास बात ये है कि अनसूया ने इस अवॉर्ड को दुनियाभर में समलैंगिक समुदया और अपने अधिकारों के लिए बहादुरी से लड़ने वाले लोगों को डेडिकेट किया है।
पत्रकार बनना चाहती थीं अनसूया?
अनसूया सेनगुप्ता पश्चिम बंगाल के कोलकाता की रहने वाली हैं। उन्होंने जादवपुर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है, शुरुआत में अनसूया पत्रकारिता में करियर बनाना चाहती थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। साल 2013 में वो मुंबई गई और प्रोडक्शन डिजाइनर का काम करना शुरू किया। इसके बाद उनकी पहचान एक प्रोडक्शन डिजाइनर के तौर पर हो गई, हालांकि अनसूया अभी गोवा में रहती हैं, उन्होंने यशदीप से शादी की है। अनसूया ने नेटफ्लिक्स के शो 'मसाबा मसाबा' का सेट डिजाइन किया था।
‘जीत के बाद क्या बोली अनसूया’
कान्स में अवॉर्ड की जीत के बाद अनसूया सेनगुप्ता ने कहा कि सभी के लिए समानता की लड़ाई लड़ने के लिए आपको समलैंगिक होने की जरूरत नहीं है। हमें बस बहुत सभ्य इंसान होने की जरूरत है। इस फिल्म में अनसूया ने एक सेक्स वर्कर का किरदार निभया है। जिसका नाम रेणुका है। इस फिल्म में अनसूया एक पुलिसवाले को चाकू मार देती है और दिल्ली के वेश्यालय से भाग जाता है, वो वेश्याओं के एक समुदाय में शरण लेती है। यहां उसकी मुलाकात एक कम उम्र की वेश्या देविका से होती है। दोनों इस दलदल से आजाद होना चाहती है। इसके बाद दोनों कानून से बचने के लिए एक खतरनाक रास्ते पर निकल पकड़ी है।
आपको बता दें, कान्स फिल्म फेस्टिवल 2024 भारत के लिए खास रहा है। इसमें श्याम बेनेगल की फिल्म 'मंथन' की रिलीज के 48 साल बाद स्पेशल स्क्रीनिंग हुई। इसके अलावा मानसी माहेश्वरी और FTII के स्टूडेंट्स की फिल्मों को भी पुरस्कार मिला है।