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मिर्जापुर में रधिया का किरदार निभाने वाली प्रशंसा शर्मा की असल ज़िंदगी कैसी है?

Prashansa Sharma: प्रशंसा शर्मा झारखंड के झुमरीतिलैया की रहने वाली हैं। उन्होंने देहरादून के बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई की है। स्कूल के बाद वो हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएट हुईं। लेकिन उनका बचपन से ही एक्टिंग में रुझान था। वो स्कूल के दिनों से ही थिएटर करती रहती थीं। दिल्ली में जाकर भी उन्होंने थिएटर करना जारी रखा।

मिर्जापुर में रधिया का किरदार निभाने वाली प्रशंसा शर्मा की असल ज़िंदगी कैसी है?
Prashansa Sharma

मिर्जापुर सीरीज में रधिया का किरदार निभाने वाली वो लड़की इस तरह स्क्रीन पर खुद को प्रेजेंट करती है, कि लोग किरदार में खो जाते हैं। लेकिन अगर उनकी असल लाइफ को देखें तो शायद फैंस विश्वास ही नहीं कर पाएंगे कि वो उसी रधिया की रियल लाइफ देख रहे हैं, वो तेज अंग्रेजी में बात करती हैं, फैशन सेंस कायल करने वाला है और फिलॉसफी की स्टूडेंट हैं। इस खूबसूरत एक्ट्रेस का नाम है प्रशंसा शर्मा...

जब बोलती हैं अग्रेंजी, तो लोग हो जाते हैं भौचक्के

राधिया उर्फ प्रशंसा ने एक इंटरव्यू में बताया कि ‘लोग ये जानकर ताज्जुब खाते हैं कि मैं इंग्लिश बोल लेती हूं। लोगों को जब पता चलता है कि मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से फिलॉसफी की पढ़ाई की है तो वे और चौंक जाते हैं। खैर मेरे लिए यह एक जीत की तरह है कि मैंने किरदार ही ऐसा निभाया है कि लोगों को यह रियल लगने लगा है।’

कैसे किया झारखंड से मुंबई तक का सफर

प्रशंसा झारखंड के झुमरीतिलैया की रहने वाली हैं। उन्होंने देहरादून के बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई की है। स्कूल के बाद वो हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएट हुईं। लेकिन उनका बचपन से ही एक्टिंग में रुझान था। वो स्कूल के दिनों से ही थिएटर करती रहती थीं। दिल्ली में जाकर भी उन्होंने थिएटर करना जारी रखा। इसके बाद वो मुंबई आ गईं। प्रशंसा ने फिल्म बिच्छू का खेल में पूनम का किरदार निभाया था, जिसमें भी उनके काम को काफी सराहना मिली थी।

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चैंलेज को फेस कर बनीं एक्ट्रेस

प्रशंसा रिजेक्शन और अपने स्ट्रगल के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि ‘मुंबई आने के बाद सबसे बड़ा चैलेंज तो यही था कि मैं किसी को जानती नहीं थी। कुछ पता ही नहीं था कि जाना कहां है, मिलना किससे है? प्रोसेस के बारे में दूर-दूर तक कुछ जानकारी नहीं थी। जहां तक रिजेक्शंस की बात है तो जरूर, एक एक्टर को रिजेक्शंस तो फेस करने ही पड़ते हैं। इसमें कोई बुराई भी नहीं है। मिर्जापुर में काम मिलना सबसे अच्छा अनुभव रहा। काफी सारे अच्छे एक्टर्स के साथ काम करने का मौका मिला। कई अच्छे दोस्त बने, उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरे काम की सराहना हुई, ये मेरे लिए एक अच्छा मोमेंट था। जहां तक बुरे एक्सपीरियंस की बात है तो मैंने कई सारे ऑडिशन दिए थे, जहां मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया। अब क्यों नहीं हो पाया, इसके बारे में बात करना जरूरी नहीं है।'

मिर्जापुर से मिली असल पहचान

एक एक्टर के करियर में जिस फिल्म से पहचान मिलें, वो उसका टर्निंग प्वाइंट बन जाता है। प्रशंसा ने बताया कि मिर्जापुर सीरीज के बाद उनकी लाइफ में काफी बदलाव आए। लोग उन्हें जानने-पहचानने लगे। उन्हें एक पहचान मिली, जिसकी उम्मीद लेकर वे मुंबई आई थीं।