Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

टीबी मरीजों के लिए आई बड़ी खबर...अब इस तकनीक से होगा इलाज, घबराने की नहीं है बात

टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होता है। इसकी खोज जर्मन वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने 1882 में की थी। भारत में टीबी का इलाज आसानी से उपलब्ध है।

टीबी मरीजों के लिए आई बड़ी खबर...अब इस तकनीक से होगा इलाज, घबराने की नहीं है बात

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने टीबी रोग की जांच के लिए एक नया हैंडहेल्ड एक्स-रे उपकरण विकसित किया है। इस उपकरण की मदद से कम समय में आसानी से टीबी की जांच की जा सकेगी। इस एक्स-रे मशीन का फायदा यह होगा कि टीबी की जांच कराने के लिए दूर के अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। नए उपकरण की मदद से घर के पास भी आसानी से बीमारी की जांच की जा सकेगी।

ये भी पढ़िए- क्या मौसम बदलते ही आपको भी होने लगती है यह बीमारियां?, जानें इसका कारण और बचाव 

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने 19वें अंतरराष्ट्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण सम्मेलन (आईसीडीआरए) इंडिया-2024 में कहा कि टीबी की जांच के लिए एक नया हैंडहेल्ड एक्स-रे उपकरण विकसित किया गया है, जिससे बीमारी का जल्द पता चल सकेगा। डॉ. राजीव बहल ने कहा कि हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीन की तुलना में काफी अधिक कीमत पर उपलब्ध हैं और अब आईआईटी कानपुर ने आईसीएमआर के साथ साझेदारी में एक एक्स-रे विकसित किया है। डॉ. बहल ने बताया कि भारत ने एम्पॉक्स के लिए तीन टेस्ट किट भी विकसित की हैं। उन्होंने बताया कि हमने एम्पॉक्स के लिए तीन टेस्ट किट विकसित की हैं और तीन कंपनियां ऐसी किट बना रही हैं।

टीबी रोग क्यों होता है?

टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होता है। इसकी खोज जर्मन वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने 1882 में की थी। भारत में टीबी का इलाज आसानी से उपलब्ध है, लेकिन फिर भी इस बीमारी के मामले सामने आते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि ज्यादातर लोगों को टीबी के लक्षणों के बारे में कम जानकारी है। जब यह बीमारी शरीर में गंभीर रूप ले लेती है, तो लोग इलाज के लिए जाते हैं।

भारत में टीबी अभी भी एक बड़ी समस्या है

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर साल टीबी के नए मामले सामने आ रहे हैं। भारत सरकार ने 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम में टीबी संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण (आईपीसी) के उपाय शामिल हैं, जो टीबी के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी हैं। हालांकि, अभी भी टीबी के मामलों में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं आई है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि कई लोग टीबी का इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं। ऐसे में बीमारी फिर से पनपने लगती है।