रेडियोथेरेपी से बढ़ सकता है इस बीमारी का खतरा...शरीर में हो सकता है ये कैंसर, पढ़िए पूरी खबर
शारीरिक गतिविधियों के दौरान शरीर में दर्द होना इसका सबसे आम लक्षण है।
शरीर में कैंसर का इलाज रेडियोथेरेपी से किया जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह थेरेपी बोन कैंसर का कारण बन सकती है। बोन कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जो हड्डियों में होती है। यह हड्डी में फैल जाती है, लेकिन हाथ और पैर की हड्डियों में बोन कैंसर के मामले अधिक हैं। जब कैंसर हड्डियों में शुरू होता है, तो इसे प्राइमरी बोन कैंसर कहते हैं। अगर इस समय इसका इलाज न किया जाए और यह शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाए, तो इसे सेकेंडरी बोन कैंसर कहते हैं।
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इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में ऑर्थोपेडिक्स विभाग के प्रमुख और चीफ जॉइंट रिप्लेसमेंट डॉ. विवेक महाजन का कहना है कि बोन कैंसर के कारणों का आज तक साफ तौर पर पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ चीजें इसके जोखिम कारक हैं। जैसे, यह बीमारी अनुवांशिक कारणों से हो सकती है। अगर परिवार में किसी को यह है, तो यह अगली पीढ़ी में जा सकती है। इसके अलावा किसी दूसरे कैंसर के इलाज में जब रेडियोथेरेपी दी जाती है, तो इस रेडिएशन के कारण बोन कैंसर होने की संभावना रहती है। बच्चों या कम उम्र के वयस्कों को बोन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि किशोरावस्था में हड्डियां तेजी से बढ़ती हैं। इस समय कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। बोन कैंसर के लक्षण
शारीरिक गतिविधियों के दौरान शरीर में दर्द होना इसका सबसे आम लक्षण है। दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और यह दर्द खास तौर पर रात में ज़्यादा होता है। हड्डी के आस-पास सूजन या गांठ भी इसका लक्षण हो सकता है। इस कैंसर के अन्य लक्षणों में कमज़ोरी, थकान और वज़न कम होना शामिल है।
बोन कैंसर से कैसे बचें
अगर आपके परिवार में पहले किसी को कैंसर हुआ है, तो नियमित जांच करवाना ज़रूरी है।
रेडियोथेरेपी से बचना ज़रूरी है। ज़रूरत पड़ने पर सबसे कम खुराक का इस्तेमाल करना चाहिए।
अगर हड्डी में किसी तरह का दर्द, सूजन या असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हर रोज़ नियमित रूप से व्यायाम करें।
अपने खान-पान का ध्यान रखें।