लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पहुंचे कोर्ट, चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस को मध्य प्रदेश में कम से कम तीन से पांच लोकसभा सीटें जीतने की उम्मीद थी, जिसमें राजगढ़ और छिंदवाड़ा भी शामिल है, जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का गढ़ हुआ करता था। हालांकि, कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली क्योंकि भाजपा ने राज्य की सभी 29 सीटों पर कब्जा कर लिया।
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार (16 जुलाई) को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर राजगढ़ में लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान अनियमितताओं का आरोप लगाया, जहां वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रोडमल नागर से लगभग 1,46,089 मतों के अंतर से हार गए थे।
दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी की गई। दिग्विजय सिंह के कार्यालय ने मीडिया को बताया कि अपनी याचिका में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव के दौरान हुई अनियमितताओं के बारे में सिलसिलेवार तरीके से बताया हैं और आरोप लगाया है कि निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव मानदंडों का पालन नहीं किया गया।
सिंह के वकील संजय अग्रवाल ने कहा कि याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव के दौरान भारत के संविधान के साथ-साथ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन किया गया है और चुनाव रद्द करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि याचिका में ईवीएम की जांच और सत्यापन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों का पालन चुनाव आयोग द्वारा ना किए जाने के मुद्दे को भी उजागर किया गया है।
राजगढ़ चुनाव में अनियमितताओं पर बोले दिग्विजय सिंह
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमारे पास कुछ सवाल हैं जिनका चुनाव आयोग जवाब नहीं दे रहा है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है। अगर आप आम लोगों से उनकी राय पूछें तो 60-70 प्रतिशत लोगों का कहना है कि चुनाव ईवीएम के ज़रिए नहीं कराए जाने चाहिए। इसलिए, मैंने (मध्य प्रदेश) हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है और हम उन बिंदुओं पर सबूत पेश करेंगे जो हमने कोर्ट के सामने पेश किए हैं।"
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि चुनाव आयोग 26 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का पालन नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, "ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन पर मैं तकनीकी आधार पर याचिका दायर कर रहा हूं। जब हम वोट देते हैं, तो यह हमारा अधिकार है कि वोट सही जगह जाए और इसकी गिनती हो। चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए।"