मध्य प्रदेश में आ सकता है बड़ा संकट!... किसानों के लिए, इस चीज की हो रही कमी, पढ़िए पूरी ख़बर
बताया जा रहा है कि पूरे देश में डीएपी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. देश में 8 लाख मीट्रिक टन डीएपी की मांग है, लेकिन सिर्फ 1.2 लाख टन ही उपलब्ध है.
मध्य प्रदेश में किसानों के लिए डीएपी की उपलब्धता सागर में बूंद के समान हो गई है. राज्य में डीएपी की भारी कमी है. नतीजतन किसान परेशान हैं. स्थिति यह है कि जिन्हें बुवाई के लिए 10 बोरी डीएपी की जरूरत है, उन्हें सिर्फ 2 बोरी मिल रही है. किसानों को टोकन और फिर खाद के लिए दो-तीन दिन तक लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है.
ग्वालियर-चंबल इलाके से लेकर मालवा-निमाड़ तक यही स्थिति है. बताया जा रहा है कि पूरे देश में डीएपी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. देश में 8 लाख मीट्रिक टन डीएपी की मांग है, लेकिन सिर्फ 1.2 लाख टन ही उपलब्ध है. यही वजह है कि किसानों को बेहद सीमित मात्रा में डीएपी मिल पा रही है. मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना के जिले मुरैना में 24,500 मीट्रिक टन डीएपी की मांग है. इसकी तुलना में किसानों के लिए सिर्फ 8,247 मीट्रिक टन डीएपी ही उपलब्ध है. पिछले साल की तुलना में इस साल डीएपी का भंडारण 3.51 लाख मीट्रिक टन कम हुआ। इसकी भरपाई के लिए 2.44 लाख मीट्रिक टन एनपीके का भंडारण किया गया।
कॉम्प्लेक्स और एनपीके भी डीएपी की तरह करते है काम
किसान डीएपी की ही मांग कर रहे हैं। हालांकि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कॉम्प्लेक्स और एनपीके भी डीएपी की तरह काम करते हैं, लेकिन किसान इसका इस्तेमाल करने से कतरा रहे हैं। सागर के खुरई में डबल लॉक में डीएपी न मिलने से किसान अगस्त से परेशान हैं। किसानों ने बताया कि हर साल खरीफ सीजन में डीएपी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो जाती थी लेकिन इस साल डीएपी नहीं आई। ऐसे में किसान रबी सीजन की फसल के लिए परेशान हो रहे हैं।