यूट्यूबर और बीजेपी नेता मनीष कश्यप को बड़ी राहत, फर्जी वीडियो मामले में कोर्ट ने किया बरी, नहीं मिले सबूत
बीजेपी नेता और यूट्यूबर मनीष कश्यप को बुधवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली. मनीष के खिलाफ के पास पर्याप्त सबूत ना होने की वजह से कोर्ट ने उनको फर्जी वीडियो मामले में बरी कर दिया.
बुधवार को पटना की सिविल कोर्ट ने सबूतों के अभाव पर बीजेपी नेता और यूट्यूबर मनीष कश्यप को बरी कर दिया. कोर्ट ने सबूत ना होने की वजह से मनीष और दो अन्य लोगों को केस से बरी कर दिया. मनीष को ऊपर फर्जी वीडयो को लेकर बिहार की आर्थिक अपराध ईकाई (EOU) ने केस फाइल किया था. हाल ही मनीष ने दिल्ली में बीजेपी नेता मनोज तिवारी की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइंन की थी.
मनीष ने करीब एक साल पहले तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के पीटने की घटना का एक वीडियो अपने अधिकारिक यूट्यूब चैनल में डाला था. जिसमें मनीष ने बताया था कि बिहार के मजूदरों को तमिलनाडु में पिटा जा रहा है. जिसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल भी हुआ था. इस वीडियो खिलाफ तमिलनाडु पुलिस ने मनीष के ऊपर केस दर्ज किया था. तमिलनाडु पुलिस ने इस वीडियो को भ्रामक बताते हुए केस दर्ज किया था. इसके अलावा बिहार के आर्थिक अपराध ईकाई ने भी केस दर्ज किया था.
करीब नौ महीने जेल में रहे मनीष
केस दर्ज के बाद बिहार पुलिस ने जब मनीष की तलाश में दबिश देना शुरू किया था. तो मनीष अंडर ग्राउंड हो गए. जिसके बाद पुलिस ने मनीष के घर की कुर्की करने की शुरूआत की. जिस पर मनीश पास के थाने में जाकर सरेंडर कर दिया. EOU ने मनीष को अपने अंडर लेकर पूछताछ की और जेल भेज दिया. 30 मार्च 2023 को तमिलनाडु पुलिस ने मनीष को ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु पुलिस अपने साथ ले गई थी. उसके बाद करीब नौ महीने तक मनीष कश्यप जेल में बंद रहे.