Haryana Assembly Election: मुश्किल में राहुल गांधी का 'मिशन हरियाणा' AAP-कांग्रेस डील पर क्यों अटका पेच? जानें
Haryana Election 2024: आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस और आप दोनों पार्टियां बीजेपी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। लेकिन सीट शेयरिंग पर असहमति के कारण गठबंधन का एलान लेट हो रहा है, जिससे दोनों पार्टियों की साझेदारी का भविष्य अनिश्चित है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ विपक्षी दल भी एक्टिव नजर आ रहे हैं। खासतौर से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी। संभवानाएं हैं राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल आगामी चुनाव में एक साथ नजर आ सकते हैं। यहां तक दोनों दलों में सीट शेयरिंग फॉर्मूल पर भी चर्चा हो रही है। नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी हैं हालांकि, इसके बाद भी अभी तक गठबंधन पर दोनों दलों ने चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस की तरफ से दीपेंद्र हुड्डा तो आप की ओर से राघव चड्ढा ने सीट शेयरिंग की कमान संभाली है। माना जा रहा था कि जल्द ही सीटों का ऐलान कर दिया जाएगा लेकिन अभी तक कुछ खास नहीं हुआ है। अगर दोनों पार्टियां साथ चुनाव लड़ना चाहती हैं तो गठबंधन के ऐलान में देरी क्यों हो रही है और पेंच कहां फंस रहा है। इसे तीन प्वाइंट में समझा जा सकता है।
AAP की डिमांड बनी कारण
गौरतलब है, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक साथ चुनावी मैदान में थे। जहां हरियाणा में कांग्रेस ने 9 तो तो आप 1 सीट पर चुनाव लड़ा था। जहां तक विधानसभा सीटों की बात है तो यहां पर कुल 90 सीटे है। यहां एक लोकसभा सीट में 9 विधानसभा सीटे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आप ने 9.0 के फॉर्मूले पर सीट शेयरिंग की मांग रखी है। वह लोकसभा चुनाव में 9 सीटें मांग रही है।
9 सीटे देने के लए राजी नहीं कांग्रेस
आम आदमी पार्टी की 9 सीटों की मांग पर हरियाणा कांग्रेस राजी नहीं है। कांग्रेस अधिकारियों का कहना है, आप,सपा और लेफ्ट को अगर साथ लेकर चलना है तो कम से कम सीटों पर सहमति बनाई जाए और ये बिल्कुल सीटों का नंबर सिंगल डिजिट में रहे। इसके पीछे का मुख्य कारण लोकसभा चुनाव है। सरकार के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी, किसानों की नाराजगी अहम फैक्टर निकलकर सामने आ रहा है। कांग्रेस को जीत की उम्मीद नजर आ रही है। बता दें, लोकसभा चुनाव में बिहार में आरजेडी के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन जीत की दहलीज पर पहुंचकर भी सत्ता पाने से चूक गया था। जिसकी वजह कांग्रेस को ज्यादा सीट देना ठहराया गया। इसी से सबक लेते हुए हरियाणा कांग्रेस आने वाले चुनाव में कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती जो भविष्य में नुकसान की वजह बनें।
लोकर कार्यकर्ता AAP के विरोध
हरियाणा कांग्रेस के लोकल कार्यकर्ता आप के विरोध में है। इसका कारण पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान है, जिसमें वह बार-बार कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले उतेरगी लेकिन अब चुनावों में कांग्रेस आलाकमान का गठबंधन की तरफ कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा है। वहीं, कैप्टन अजय यादव ने भी गठबंधन का विरोध किया। इससे इतर कांग्रेस आप से गठबंधन करेगी या नहीं इसपर भी भ्रम बरकरार है।
कब है हरियाणा विधानसभा चुनाव ?
गौरतलब है, चुनाव आयोग ने हरियाण विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। बता दें, 5 सितंबर को नामांकन प्रक्रिया की सूचना जारी कर दी गई जो 12 सितंबर तक चलेगी। वहीं सूबे की 90 विधानसभा सीटों पर 1 चरण में 5 अक्टूबर को मतदान होगा। जबकि वोटों की गणना 8 अक्टूबर को होगी।