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राजकोट के गेम जोन में लगी भीषण आग, 12 बच्चों समेत 28 लोगों की हुई मौत

एक ऐसा गेम जोन जहां इंट्री के लिए लोगों से ‘डेथ फॉर्म’ भरवाया जाता था. जहां एक हादसे में आग लग जाती है. एक चिंगारी और 3 हजार लीटर पेट्रोल-डीजल में आग भड़क गई. दर्जनों लोग जलकर राख हो गए. हादसे के बाद पुलिस की आंख खुली और एक्शन लिया गया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. पुलिस ने गेम जोन के मालिक सहित 6 पर एफआईआर दर्ज की है. इस बीच, हादसे को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं.

राजकोट के गेम जोन में लगी भीषण आग, 12 बच्चों समेत 28 लोगों की हुई मौत

एक ऐसा गेम जोन जहां इंट्री के लिए लोगों से ‘डेथ फॉर्म’ भरवाया जाता था. जहां एक हादसे में आग लग जाती है. एक चिंगारी और 3 हजार लीटर पेट्रोल-डीजल में आग भड़क गई. दर्जनों लोग जलकर राख हो गए. हादसे के बाद पुलिस की आंख खुली और एक्शन लिया गया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. पुलिस ने गेम जोन के मालिक सहित 6 पर एफआईआर दर्ज की है. इस बीच, हादसे को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं.

वेल्डिंग की चिंगारी बनी आग का गोला !

लगातार आग को लेकर खबरें सामने आ रही हैं. ऐसी ही खबर गुजरात के राजकोट से सामने आई है. जहां एक गेमिंग जेन में आग लगने से भीषण हादसा हुआ. जिसमें दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जान चली गई. हादसा राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में हुआ. जहां हादसे की वजह को लापरवाही का सबब कहा जा सकता है. हादसे में 28 लोगों की मौत हो गई. हादसे में घायल लोगों को राजकोट के एम्स में भर्ती कराया गया है.

आग में सब जलकर खाक

गुजरात के राजकोट में शाम 4.30 बजे टीआरपी गेम जोन में आग लगने से 28 लोगों की मौत हो गई. पहले 30 की मौत की जानकारी सामने आई थी. मगर SP क्राइम ने 28 की मौत की पुष्टि की. फायर ब्रिगेड की 8 टीमें करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझा पाईं. 25 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया. अधिकारियों के मुताबिक, गेम जोन से अंदर-बाहर जाने का एक ही रास्ता था..... वहीं फायर डिपार्टमेंट से NOC भी नहीं ली गई थी.

 

चश्मदीद के मुताबिक वीकेंड की वजह से गेम जोन में 500 रुपए का टिकट 99 रुपए में दिया जा रहा था, इसलिए भीड़ ज्यादा थी. हादसे के समय एक जगह सीढ़ी पर वेल्डिंग के दौरान निकली चिंगारी से ब्लास्ट हुआ और आसपास आग लग गई. लकड़ी और टीन शेड के स्ट्रक्चर वाले इस गेम जोन में आग लगते ही तेजी से फैली और यह बड़ा हादसा हुआ. पुलिस ने टीआरपी गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी, पार्टनर प्रकाश जैन और राहुल राठौड़ के साथ साथ मैनेजर नितिन जैन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने बताया की हादसे के बाद चारों ने फोन बंद कर लिया था.

हाईकोर्ट में सुनवाई

इस हादसे के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर खुद संज्ञान लिया और फायर सेफ्टी को लेकर नगर निगम से जवाब मांगा है. क्योंकी बताया जा रहा है की गेम जोन के पास noc नहीं था. साथ ही कोर्ट ने कहा कि 'यह मानव निर्मित आपदा है. साथ ही साथ हाई कोर्ट की विशेष पीठ ने सुनवाई करते हुए यह भी कहा की अहमदाबाद में सिंधुभान रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन  सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट समेत निगम से स्पष्टीकरण मांगा.

गेम जोन के मालिक सहित 8 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. लेकिन बड़ी बात यह है की गेम जोन में जाने पर एक फार्म पर साइन करवा कर हादसे की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्लान तो पहले से बना था. फॉर्म भरने के बाद ही लोगों को गेम खेलने की परमीशन दी जाती थी. इस फॉर्म के अंदर लिखा है कि अगर कोई घायल होता है या मौत हो जाती है तो गेम मालिक इसका जिम्मेदार नहीं होगा. लेकिन हादसे के बाद फायर विभाग के अधिकारियों की आख खुली और सभी गेम जोन की सुरक्षा को लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं.

मृतकों के लिए आर्थिक मदद का ऐलान

राजकोट गेम जोन आग हादसे की जांच के लिए सरकार ने 5 सदस्य वाली SIT का गठन किया है. सीनियर IPS अधिकारी सुभाष त्रिवेदी SIT की अगुआई करेंगे. उनके अलावा बंचानिधि पाणि, एच.पी. सांघवी, जे. एन खड़िया और एम.बी. देसाई SIT में रहेंगे. साथ ही पीएम ने गुजरात के राजकोट में आग लगने की घटना में हर मृतक के परिजनों के लिए PMNRF से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है. वहीं घायलों को 50 हजार रुपये दिये जायेंगे. घटना पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दुख जताया.

हादसे के बाद अधिकारियों ने बताया कि शव बुरी तरह से जल गए थे और उनकी शिनाख्त में मुश्किलें आ रही हैं. इसके लिए शवों और मारे गए लोगों के परिजन के डीएनए के नमूने एकत्र किए गए हैं और पहचान का प्रयास किया  जा रहा है. भीषण आग लगने से करीब पांच किलोमीटर तक धुएं का गुब्बार दिखाई दिया था. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी टीआरपी गेमिंग जोन में आग से घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनका हाल जाना. पुलिस लगातार जांच में जुटी हुई है. लेकिन इस तरह का बड़ा हादसा कहीं न कहीं प्रशासनिक खामियों की ओर भी इशारा करता है. बिना सुरक्षा और NOC के इस तरह चल रहे गेम जोन मौत का कुंआ हैं. जहां लोगों की मौत का खतरा लगातार बना रहता है.