Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

Repo Rate में नहीं हुआ बदलाव, लोन EMI बरकरार, करना होगा दिसंबर तक इंतजार

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर से रेपो रेट को बरकरार रखा है, जो लगातार 10वीं बार है। इससे होम लोन लेने वालों को झटका लगा है। RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान भी जारी किया है।

Repo Rate में नहीं हुआ बदलाव, लोन EMI बरकरार, करना होगा दिसंबर तक इंतजार

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर से रेपो रेट को बरकरार रखा है। बता दें, ये 10 वीं बार है जब RBI ने रेपो रेट में बलवान न करने की घोषणा की है। फरवरी 2023 में रेपो रेट 6.5 प्रतिशत तय किया गया था। तब से लेकर अभी तक इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। वहीं, मौद्रिक स्फीति की लगभग 9 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन रेपो रेट जस का तस रहा। इस घोषणा के बाद होम लोन लेने EMI देने वाले लोगों को झटका लगा है। रेपो रेट फिलहाल के लिए अपरिवर्तित रहेगा। 

ये भी पढ़ें- गोल्ड लोन में उछाल, RBI ने बैंकों को दी चेतावनी, 3 महीने का अल्टीमेटम

आखिर क्या होता है रेपो रेट ?

देश की ज्यादातर बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लेती हैं,उसे ही रेपो रेट कहते हैं। जो सीधे तौर पर ग्राहकों से जुड़ी होती है। अगर रेपो रेट में कमी आती है तो इसका अर्थ है RBI बैंक को कम दरों पर कर्ज देगा। अगर ऐसा होता है तो बैंक भी ग्राहकों को कम दरों में लोन देंगे। वहीं, रेपो रेट में बढ़ोत्तरी होने से दरें बढ़ जाती है। 

होम लेन पर रेपो रेट का असर ?

विशेषज्ञ मानते हैं रेपो रेट का सीधा कनेक्शन होम लोन है। दरअसल, आरबीआई अगर ब्याज दरों में कटौती करता है,तो इसका सीधा अशर फ्लोटिंग रेट लोन लेने वालों पर पड़ता है। ज्यादातर लोन लंबे वक्त या फिर EMI में लेते हैं। RBI द्वारा ब्याज दरों में कटौती से, लोन देने वाली संस्थाएं फ्लोटिंग रेट लोन वाले ग्राहकों के होम लोन पर ब्याज दरों को घटाने के लिए प्रेरित हो सकती हैं। इस वजह से, लोन लेने वाले शख्स लोन की अवधि को घटाने या EMI में बदलाव करने का ऑप्शन चुन सकते हैं। साथ ही, वह अपने लोन को किसी दूसरी फाइनेंशियल फर्म में ट्रांफर करा सकते हैं जो कम ब्याज दरों पर लोन ऑफर कर रही है,लेकिन ये तभी हो सकता है जब आपका क्रेडिट कार्ड सिविल स्कोर अच्छा हो। 

इस साल क्या रहेगा जीडीपा का हाल? 

वहीं, RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने जीडीपी ग्रोथ से जुड़े आंकड़े भी बैठक में शेयर किये। जिसके अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के बीच हमारी अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ जाती है। जहां दूसरे क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ 7.0 फीसदी,तीसरी-चौथी तिमाही में 7.4 फीसदी रह सकती है।