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Avani Lekhara: बचपन में हुआ था एक्सीडेंट, 5 महीने पहले कराया ऑपरेशन लेकिन नहीं खोई उम्मीद, जानिए 22 साल की अवनि की कहानी

अवनि लेखरा पैरालंपिक में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। वह पैरालंप‍िक में 3 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई, ये भी एक अनूठा र‍िकॉर्ड है। आपको बता दें, तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में एसएच1 श्रेणी में अपने प्रदर्शन से अवन‍ि ने खूब सुर्ख‍ियां बटोरी थीं। 

Avani Lekhara: बचपन में हुआ था एक्सीडेंट, 5 महीने पहले कराया ऑपरेशन लेकिन नहीं खोई उम्मीद, जानिए 22 साल की अवनि की कहानी
Avani Lekhara

पेर‍िस पैरालंप‍िक में भारतीय निशानेबाज अवनि लेखरा ने जो कमाल किया, वो मिशाल बन गया है। अवनि लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (SH1) इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इसी इवेंट में भारत की मोना अग्रवाल, जोकि अवनि की तरह ही राजस्थान से हैं, उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता। 

22 साल की अवनि ने रचे ये इतिहास

राजस्थान के जयपुर की 22 साल की अवन‍ि लखेरा ने 249.7 अंक हास‍िल कर पैरालंप‍िक में रिकॉर्ड बना द‍िया। इससे पहले अवनि ने टोक्यो पैरालंप‍िक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा के दौरान गोल्ड मेडल जीता था। अवनि लेखरा पैरालंपिक में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। वह पैरालंप‍िक में 3 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई, ये भी एक अनूठा र‍िकॉर्ड है। आपको बता दें, तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में एसएच1 श्रेणी में अपने प्रदर्शन से अवन‍ि ने खूब सुर्ख‍ियां बटोरी थीं। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड और 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ब्रॉन्ज जीता था।

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पीएम मोदी ने दी बधाई 

पीएम नरेंद्र मोदी ने अवनि लेखरा को पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड जीतने पर बधाई दी है। पीएम मोदी ने लिखा, 'भारत ने पैरालंपिक 2024 में पदकों का खाता खोला. अवनि लेखरा को 10M एयर राइफल SH1 इवेंट में स्वर्ण जीतने के लिए बहुत-बहुत बधाई। उन्होंने इतिहास भी रच दिया है क्योंकि वे 3 पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं। उनका समर्पण भारत को गौरवान्वित करता है।'

5 महीने पहले हुआ ऑपरेशन

अवनी लेखरा के गॉलब्लैडर की पथरी निकालने का ऑपरेशन 5 महीने पहले मार्च में हुआ। इस दर्द के कारण उनकी ट्रेनिंग भी प्रभावित हुई थी। इसलिए मार्च में उन्होंने ऑपरेशन करवाने का फैसला किया। इस ऑपरेशन के बाद उन्होंने पैरालंप‍िक में शानदार प्रदर्शन किया। 

11 साल की उम्र में हुआ एक्सीडेंट

साल 2012 में, जब अवनि सिर्फ 11 साल की थी, तब एक कार एक्सीडेट के बाद वह पूरी तरह से पैराप्लेजिया से पीड़ित हो गई। आपको बता दें, पैराप्लेजिया रीढ़ की हड्डी की एक चोट है जो निचले अंगों को पंगु बना देती है। यह रीढ़ की हड्डी और तंत्रिका तंत्र को गंभीर क्षति का परिणाम है। इस हादसे के बाद अवन‍ि के पिता ने उनको खेलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आर्चरी की ट्रेनिंग ली लेकिन शूटिंग को अपना जुनून बनाया। वह वर्तमान में राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर रही है।

साल 2021 में खेल रत्न से हुई सम्मानित

अवनि केंद्रीय विद्यालय 3 जयपुर की छात्रा थीं, जहां उन्होंने शूटिंग के क्षेत्रीय मैच में अपना पहला गोल्ड मेडल हास‍िल किया था। निशानेबाजी में एसएच1 श्रेणी में ऐसे निशानेबाज शामिल होते हैं जिनकी बांहों, निचले धड़, पैरों की गति प्रभावित होती है या उनके हाथ या पैर में विकार होता है। खेल में उनके शानदार प्रदर्शन योगदान के ल‍िए साल 2021 में खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था, जो भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है।