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शिक्षा से सियासत तक, जानें कौन है अवध ओझा जिन्होंने पीएम मोदी पर दिया था विवादित बयान ?

यूपीएससी कोच अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की! जानिए कौन हैं अवध ओझा, उनके विवादित बयान, और दिल्ली चुनाव 2025 में AAP के लिए उनकी भूमिका क्या होगी? केजरीवाल के साथ आने से क्या बदलेगा दिल्ली का सियासी समीकरण?

शिक्षा से सियासत तक, जानें कौन है अवध ओझा जिन्होंने पीएम मोदी पर दिया था विवादित बयान ?

एजुकेशन की दुनिया में बड़ा नाम अवध ओझा ने सियासी पारी की शुरुआत करते हुए आम आदमी पार्टी का हाथ थाम लिया। 2 दिसंबर को पार्टी संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें सदस्यता दिलाई। इस मौके पर केजरीवाल ने बताया कि आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी बिना किसी गठबंधन के मैदान में उतरेगी। बता दें, 2025 में दिल्ली में चुनाव होने हैं। जिसे देखते हुए सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में अवध ओझा का आप में शामिल होना बड़ी बात है। जानेंगे,आखिर अवध ओझा कौन हैं जो अपने बेबाक बोल और विवादों के लिए जाने जाते हैं।

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आखिर कौन है अवध ओझा? 

अवध ओझा को बच्चे यूपीएससी कोच के नाम से जानते हैं। वे बच्चों को यूट्यूब और जिंदगी से जुड़ी बातें बताते हैं। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से ताल्लुक रखने वाले अवध ओझा कभी यूपीएससी एस्पायरेंट थे लेकिन सफलता न मिलने पर उन्होंने शिक्षक का रास्ता चुना और उन्होंने इलाहाबाद में कोचिंग सेंटर की शुरुआत की। कोविड के दौरान जब ऑनलाइन क्लासेस बंद थी तो उन्होंने यूट्यूब का सहारा लिया और यही उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बना। उनके बोलने का तरीका और पढ़ने की शैली बच्चों को खूब पसंद आईय़ यही वजह रही कि बीते कुछ सालों में उनकी पापुलैरिटी बढ़ गई है और वह देश के दिग्गज टीचर्स की लिस्ट में आते हैं। 2019 आते-आते उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में अपना खुद का आईएएस अकडेमी खोली। 

अक्सर विवादों में रहते हैं अवध ओझा 

अवध ओझा सामाजिक और राजनीति से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं। एक बार उन्होंने एक वीडियो में विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संविधान समाप्त कर मोदी वंश स्थापित कर देना चाहिए। यहां तक उन्होंने पीएम मोदी की तुलना मोहम्मद गौरी से कर दी थी और कहा था कि मोदी वंश को भी इतिहास की किताबों में जोड़ा जाए जिस पर खूब विवाद छिड़ा। उन्होंने संसद को मोदी का महल का दिया था और आपातकाल की स्थिति में नेपाल भागने की भी बात कही थी। इस बयान पर भाजपा नेताओं समेत कार्यकर्ताओं ने भारी आपत्ति जताई। जिसपर अवध ओझा बैक फुट पर आए थे। 

दिल्ली चुनाव पर सभी पार्टियों की नजर 

महाराष्ट्र, झारखंड के बाद 2025 की शुरुआत में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। 70 सीटों वाले इस राज्य में पिछला चुनाव फरवरी 2020 में हुआ था जहां आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था और अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि अवध ओझा के आम आदमी पार्टी का दामन थामने के बाद उन्हें क्या सफलता हासिल होती है।