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बंगाल में चुनाव के बीच बार-बार हिंसा क्यों? क्या है हिंसा की असल वजह

बंगाल में हिंसा और राजनीति एक दूसरे के पूरक हैं. जब भी पश्चिम बंगाल में राजनीति की बात होती है तो पहले वहां की सियासी हिंसा की चर्चा होती है. देश के करीब-करीब हर राज्य में चुनाव के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं होती हैं. 

बंगाल में चुनाव के बीच बार-बार हिंसा क्यों? क्या है हिंसा की असल वजह

बंगाल में हिंसा और राजनीति एक दूसरे के पूरक हैं. जब भी पश्चिम बंगाल में राजनीति की बात होती है तो पहले वहां की सियासी हिंसा की चर्चा होती है. देश के करीब-करीब हर राज्य में चुनाव के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं होती हैं. यानी सभी राज्यों में हिंसा चुनावी होती है. वहीं, पश्चिम बंगाल में हिंसा का नाता चुनाव से नहीं राजनीति से हो गया है. पश्चिम बंगाल में दशकों से राजनीतिक हिंसा आम बात है.

चुनाव में बंगाल में फिर बवाल
पश्चिम बंगाल में मतदान से पहले एक बार फिर हुई दो अलग-अलग घटनाओं ने सुरक्षा-व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है. कारण, छठे चरण के मतदान से कुछ घंटे पहले पूर्वी मिदनापुर में एक टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई. तो वहीं एक टीएमसी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गया. पहली घटना पूर्वी मिदनापुर के महिषादल की है, जहां शुक्रवार रात चुनावी रंजिश में एस.के मोइबुल नाम के एक टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई. मृतक टीएमवाईसी के उपाध्यक्ष थे. टीएमसी ने आरोप लगाया है कि जब मोइबुल कल रात घर लौट रहे थे तो बीजेपी के कुछ लोगों ने उनकी हत्या कर दी. इस संबंध में महिषादल थाना पुलिस ने 5 बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है.

नंदीग्राम में फिर भड़की हिंसा
वही नंदीग्राम की हिंसा को लेकर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि हमारी सरकार में ऐसी घटनाए नहीं होती. ये ममता की सरकार है जो लगातार यहां ऐसी घटनाए हो रही हैं.

22 मई को भी हुई थी झड़प
पश्चिम बंगाल में 25 मई को छठे चरण के मतदान से पहले एक बार फिर हिंसा हुई है. राज्य के नंदीग्राम में बीजेपी-टीएमसी वर्कर्स के बीच हिंसा की खबर सामने आई है. बीजेपी ने दावा किया है कि बुधवार यानि 22 मई रात नंदीग्राम में पार्टी के कार्यकर्ताओं पर तृणमूल कांग्रेस के वर्कर्स ने हमला किया. इसे लेकर बीजेपी ने गुरुवार यानि 23 मई को नंदीग्राम में विरोध मार्च निकाला है. टीएमसी ने हमले के आरोपों से इनकार कर दिया है. इसके अलावा 20 मई को भी पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह और टीएमसी कार्यकर्ता के बीच झड़प की खबर सामने आई थी. इस झड़प का वीडियो भी वायरल हुआ था.

बीजेपी का आरोप
बता दें कि पश्चिम बंगाल में छठे चरण से पहले एक बार फिर हिंसा भड़की. नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा की आग भड़की. इस हिंसा के बाद बंगाल की सियासत एक बार फिर गरमा गई. भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया की टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके वकर्स पर हमला किया. इसमें इनकी एक महिला कार्यकर्ता की भी मौत हो गई और आठ लोग बेहद गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला करने की जानकारी भी सामने आई है.

हाल ही में 20 मई को बंगाल के बैरकपुर में बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह और टीएमसी कार्यकर्ता के बीच झड़प हुई थी. पुलिसवालों की मौजूदगी के बीच ये कहासुनी हुई थी. उसके बाद से इलाके में तनाव फैल गया था. इसका फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. तस्वीरों में दिख रहा था कि कई वोटर अर्जुन सिंह से बहस कर रहे हैं. दरअसल, बीजेपी कैंडिडेट ने आरोप लगाया था कि टीएमसी के पार्थ भौमिक ने पैसे बांटे हैं.

बंगाल में वोटिंग के दौरान हिंसा !
पहले चरण में कूचबिहार में हिंसा
दूसरे चरण में बालुरघाट में हिंसा
मिदनापुर में मिली बीजेपी कार्यकर्ता लाश
तीसरे चरण में मुर्शिदाबाद के लोचनपुर और जंगीपुर में झड़प
चौथे चरण में कई जगहों पर टीएमसी-बीजेपी समर्थक भिड़े
पांचवें चरण के मतदान के दौरान 7 सीटों पर हिंसा हुई

बता दें कि 25 मई को छठे चरण के लिए वोटिंग हुई और सातवें चरण का मतदान बाकी है. छठे चरण में छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 58 सीटों पर मतदान हुआ. दिल्ली की 7 सीटों पर मतदान सहित उत्तर प्रदेश की 14, बिहार की 8, पश्चिम बंगाल की 8, हरियाणा की 10, झारखंड की चार, ओडिशा की 6 और जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर वोट डाले जा रहे हैं. सभी जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. हालांकि बंगाल में हुई इन दो घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं.