Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

सिर्फ 14 साल में अचलानंद जी महाराज ने लिया था संन्यास, आज देशभर के प्रमुख नेता लेते हैं आशीर्वाद

जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस शहर की पहचान ब्लू सिटी के तौर पर की जाती है। लेकिन यहां आने वाले प्रतिष्ठित लोगों के लिए स्वामी अचलानंद जी महाराज से आशीर्वाद लेना सौभाग्य जैसा मालूम देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर देश के सबसे बड़े सूबे की मुखिया रहीं वसुंधरा राजे सिंधिया भी स्वामी अचलानंद से भेट कर चुकी हैं। स्वामी जी के सानिध्य में ही जोधपुर की महारानी श्रीमती हेमलता राजे साहिबा ने पदयात्रा की थी। तो चलिए आपको स्वामी अचलानंद जी महाराज के बारे में बताते हैं।

सिर्फ 14 साल में अचलानंद जी महाराज ने लिया था संन्यास, आज देशभर के प्रमुख नेता लेते हैं आशीर्वाद
अचलानंद जी महाराज

जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस शहर की पहचान ब्लू सिटी के तौर पर की जाती है। लेकिन यहां आने वाले प्रतिष्ठित लोगों के लिए स्वामी अचलानंद जी महाराज से आशीर्वाद लेना सौभाग्य जैसा मालूम देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर देश के सबसे बड़े सूबे की मुखिया रहीं वसुंधरा राजे सिंधिया भी स्वामी अचलानंद से भेट कर चुकी हैं। स्वामी जी के सानिध्य में ही जोधपुर की महारानी श्रीमती हेमलता राजे साहिबा ने पदयात्रा की थी। तो चलिए आपको स्वामी अचलानंद जी महाराज के बारे में बताते हैं।

14 साल में लिया था संन्यास

वो कहते हैं न कि बच्चे का तेज बचपन से ही नजर आने लगता है। आज सैकड़ो-हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके अचलानंद जी महाराज ने सिर्फ 14 साल की उम्र में ही संन्यास ले लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वामी जी जन्म 30 अप्रैल 1965 खिंदाकोर ,जोधपुर राजस्थान में हुआ था। बताया जाता है कि वो किसी समय पर जोधपुर में राइकबाग रेलवे फाटक के पास चाय बेचते थे, लेकिन आज लोक संत हैं। सिर्फ 14 की उम्र में ही संन्यास साधना से शक्ति जुटाकर वो आज लोगों के लिए स्वामी जी बन गए।

कभी खुद करते थे अफीम का नशा ,अब हजारों लोगों को सुधार चुके है

अचलानंद जी महाराज के बारे में जब आप मीडिया रिपोर्ट्स में गहनता से पढ़ते हैं, तो पता चलता है कि एक समय पर वो अफीम का नशा करते थे। लेकिन उन्हें जल्द ही उन्हें इसके बुरे होने के बारे में पता चला। उन्होंने खुद तो इस नशे से दूरी बनाई ही, साथ ही आज वो हजारों लोगों को भी सुधार चुके हैं। इसी के साथ ही स्वामी जी जाती-धर्म का भेद नही मानते हैं। उनके हर धर्म के संत और लोग जुड़े हुए हैं।

दर्शन को देश भर से आते हे श्रद्धालु और लोग

अचलानंद महाराज के खिंदाकोर में आज देशभर से लोग और श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राजस्थान की मुखिया रही वसुंधरा राजे सिंधिया और तमाम वीवीआईपी लोग स्वामी जी से भेट कर चुके हैं।

उपाधि के तौर दिए गए 5 नाम

अचलानंद महाराज जी को कई और नाम से भी लोग जानते हैं। उन्हें सेनाचार्य , अचलानंदाचार्य , अचलुराम , अचलानन्द गिरी और अलिया बाबा भी कहते हैं। उन्होंने गाँव में सन् 1985 में ट्यूब वेल खुदवाया, गाँव में 1988 में मंदिर बनवाया, गाँव तक 1990 में पक्की सड़क बनवाई, उज्जैन में 1992 में सेनाचार्य बनाएं गए, ये सभी उनके कुछ काम मे से एक हैं। अचलानंद महाराज जी का खिंदकोर राजपूत और बिश्नोईयो के प्रभाव वाला गाँव है।