Relationship में Ghosting: क्या इसके बारे में जानते हैं आप? कहीं आप तो नहीं हो रहे शिकार, जानें एक क्लिक में
ऑनलाइन डेटिंग के इस दौर में एक बेहद खास शब्द सामने आया है और वो शब्द है घोस्टिंग। ये वो शब्द है जो आज की व्यस्त जिंदगी में दो लोगों को मिलने से रोकता है। अब बालकनी से वो पुराना प्यार नहीं रहा और ना ही लोगों के पास इतना वक्त है कि वो किसी एक रिश्ते पर ध्यान दे सकें। शायद यही वजह है कि घोस्टिंग का चलन काफी बढ़ गया है।
घोस्टिंग क्या है?
घोस्टिंग एक डेटिंग शब्द है जिसका मतलब है किसी से एक दिन बात करना और फिर अचानक उससे कट जाना। जब आप ऐसा करते हैं, तो उस व्यक्ति को कोई इशारा या किसी तरह का सफाई नहीं दिया जाता है जिससे आप कट रहे हैं। घोस्टिंग करने वाला व्यक्ति इसके बारे में ज़्यादा नहीं सोचता और जो व्यक्ति कट जाता है, वो हमेशा सोचता रहता है कि आखिर हुआ क्या है।
घोस्टिंग शब्द का इस्तेमाल
इस शब्द का इस्तेमाल ज़्यादातर रोमांटिक रिश्तों में किया जाता है, लेकिन इसे किसी भी रिश्ते में वैध माना जा सकता है। ये एक ऐसा परिदृश्य है जिसमें सभी तरह के संपर्क पूरी तरह से टूट जाते हैं।
इसे घोस्टिंग क्यों कहा गया ?
अगर इस शब्द को दो भागों में बांटकर देखते हैं। इसे घोस्टिंग इसलिए कहा जाता है क्योंकि जैसे भूतों के बारे में कहा जाता है कि वे हवा में गायब हो जाते हैं और किसी को भनक तक नहीं लगती, वैसे ही घोस्टिंग में भी पूरी तरह से सन्नाटा होता है। सन्नाटे से मेरा मतलब है कि कोई संपर्क नहीं रह जाता।
पहले कब किया गया इस शब्द का इस्तेमाल ?
इस शब्द का इस्तेमाल 1990 में भी किया गया था, लेकिन ऑनलाइन डेटिंग के दौर में ये ज़्यादा फेमस हो गया। 2017 में मेरियम-वेबस्टर डिक्शनरी ने आधिकारिक तौर पर इस शब्द को एंट्री दी। वैसे तो घोस्ट राइटिंग शब्द का इस्तेमाल काफ़ी समय से होता आ रहा है।
घोस्टिंग के लक्षण को कैसे पहचाने?
घोस्टिंग के लक्षणों को पहचानना बहुत आसान है और अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो इसे सबसे बड़ा लाल झंडा समझें-
- आपके मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया जाएगा।
- लंबे समय तक कोई भी आपका फोन नहीं उठाएगा।
- मिलना तो दूर, आपको मैसेज भेजने का भी समय नहीं मिलेगा।
- आप जो भी कहेंगे उसका कोई जवाब नहीं मिलेगा।
- आपसे किसी भी तरह की कोई कमिटमेंट नहीं होगी।
- सोशल मीडिया पर रिएक्शन भी अचानक बंद हो जाते हैं।
सॉफ्ट घोस्टिंग क्या है?
वैसे तो घोस्टिंग एक तरह से की जाती है, लेकिन आजकल सॉफ्ट घोस्टिंग का भी चलन शुरू हो गया है। सॉफ्ट घोस्टिंग दरअसल घोस्टिंग का ही एक प्रकार है जिसमें संपर्क धीरे-धीरे कम कर दिया जाता है। तुरंत घोस्टिंग करने के बजाय सबसे पहले मीटिंग बंद कर दी जाती है, फिर कॉल बंद कर दी जाती है और फिर मैसेज आदि भी बंद कर दिए जाते हैं।