जानिए नाग पंचमी की मान्यता से लेकर पूजा विधि, इन बातों का रखेंगे ध्यान, तो जीवन में नहीं आएगा कोई संकट!
Nag Panchami 2024: सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 9 अगस्त को मध्य रात्रि 12 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 10 अगस्त को देर रात्रि 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
Nag Panchami 2024: सावन के महीने में नाग पंचमी का पर्व अति शुभ होता है। नाग पंचमी में नाग देवता की पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। कहा जाता है कि नाग देवता की उपासना करने से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन पूजा के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा नियम का पालन न करने से लोगों को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है।
जानकारी के मुताबिक, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 9 अगस्त को मध्य रात्रि 12 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 10 अगस्त को देर रात्रि 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
नाग पंचमी में आपको कुछ बातों का काफी ध्यान देना चाहिए। क्या हैं वो बातें, चलिए जानते हैं....
मंदिर में चांदी के नाग और नागिन का करें अभिषेक
नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद पूजा करें। नाग पंचमी के दिन मंदिर में चांदी के नाग और नागिन का दूध से अभिषेक करें और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से जातक को राहु और केतु से संबंधित दोषों से छुटकारा मिलता है।
चांदी के नाग और नागिन दान करने से दूर होती हैं बाधाएं
नाग पंचमी पर चांदी के नाग और नागिन का दान करने से कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा लोगों को नाग देवता का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
नाग देवता को अर्पित करें दूध
नाग पंचमी के अवसर पर पूजा के दौरान नाग देवता को दूध अर्पित करें। इससे भय दूर होता है और परिवार के सदस्यों को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
दूध अर्पित करने के लिए तांबे के पात्र का करें प्रयोग
नाग पंचमी के दिन नाग देवता और शिवलिंग पर दूध अर्पित करने के लिए तांबे के धातु से बने पात्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए। दूध चढ़ाने के लिए पीतल से बने पात्र को अच्छा माना जाता है।
नुकीली चीजों के इस्तेमाल से बचें
नाग पंचमी के दिन नुकीली चीजों के इस्तेमाल से दूर रहें। ऐसा करना हानिकारक हो सकता है और इससे नाग देवता क्रोधित हो सकते हैं. इसलिए नाग पंचमी के दिन विषेश सावधानी बरतें।
क्या है नाग पंचमी का महत्व?
हिन्दू धर्म में सर्पों को पौराणिक काल से ही देवता के रूप में पूजने की परंपरा चली आ रही है, इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजन का अत्यधिक महत्व है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने वाले व्यक्ति को सांप के डसने का भय खत्म हो हो जाता है। इस दिन सर्पों को दूध से स्नान, पूजन और दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा है। मान्यता है कि इससे घर नाग-कृपा से सुरक्षित रहता है।