Sawan 2024: सावन में क्या खाएं और क्या नहीं, किन नियमों का करें पालन
इस साल, सावन 22 जुलाई (सोमवार) को सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू हो गया है। यह 19 अगस्त सोमवार को समाप्त होगा। यह भगवान शिव के भक्तों के लिए आध्यात्मिक चिंतन, उपवास और विशिष्ट आहार प्रथाओं का पालन करने का समय है।
जैसे ही सावन का शुभ महीना शुरू होता है, कई लोग इस पवित्र माह को भक्ति और आहार संबंधी सावधानी के साथ मनाने की तैयारी करते हैं।
इस साल, सावन 22 जुलाई (सोमवार) को सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू हो गया है। यह 19 अगस्त सोमवार को समाप्त होगा। यह भगवान शिव के भक्तों के लिए आध्यात्मिक चिंतन, उपवास और विशिष्ट आहार प्रथाओं का पालन करने का समय है।
इस पवित्र महीने में नियमों का पालन करने वालों के लिए धार्मिक पवित्रता और व्यक्तिगत कल्याण दोनों को बनाए रखने के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि किन खाद्य पदार्थों को अपनाना चाहिए और किससे बचना चाहिए।
आहार विशेषज्ञ ने श्रावण माह के पारंपरिक आहार रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी दी है। जिसमें उन खाने की चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें शुभ और पौष्टिक माना जाता है। साथ ही उन चीजों के बारे में बताया गया है जिसे इस अवधि के दौरान हमें नहीं खाना चाहिए-
सावन में क्या खाएं
कुट्टू
चावल और गेहूं जैसे अनाज का एक बढ़िया विकल्प है, जिन्हें अक्सर श्रावण के दौरान खाना चाहिए। कुट्टू जटिल कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है, जो निरंतर ऊर्जा प्रदान करता है और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है । यह प्रोटीन और फाइबर का भी स्रोत है, जो आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
साबूदाना
श्रावण के दौरान मुख्य भोजन साबूदाना आसानी से ऊर्जा प्रदान करता है। हालांकि इसके उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण मधुमेह रोगियों को भी यह नुकसान नहीं करता।
सामक चावल
यह ग्लूटेन-मुक्त अनाज फाइबर, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। उच्च फाइबर सामग्री पाचन में मदद करती है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करती है। जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा विकल्प बन जाता है।
लौकी
पानी की उच्च मात्रा वाली एक सब्जी है। लौकी में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट कम होते हैं। यह विटामिन और खनिजों का भी एक अच्छा स्रोत है। जो आपको उपवास के दौरान हाइड्रेटेड और पोषित रखता है।
अलसी के बीज
एक छोटा सा पावरहाउस। दरअसल अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। जो हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। वो फाइबर का भी अच्छा स्रोत हैं। आप अलसी के बीजों को चटनी, करी में मिला सकते हैं या सलाद पर भी छिड़क सकते हैं।
क्या न खाएं
- मांस, मुर्गी और मछली- इन्हें सात्विक आहार से बाहर रखा गया है।
- अंडे- सात्विक आहार के दौरान सेवन नहीं किया जाता है।
- प्याज और लहसुन- परंपरागत रूप से इनसे परहेज किया जाता है क्योंकि इनमें उत्तेजक गुण माने जाते हैं।
- शराब- धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान इसका सेवन नहीं किया जाता है।
कुछ न्यूट्रीशियन टिप्स
- उपवास के दिनों में भी, हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। पूरे दिन खूब पानी पियें। आप इलेक्ट्रोलाइट के लिए नारियल पानी भी शामिल कर सकते हैं।
- नट्स, बीज और एवोकैडो जैसे स्रोत स्वस्थ वसा के लिए शामिल करें। ये आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
- नमक पर निर्भर रहने के बजाय मसालों से अपने भोजन का स्वाद बढ़ाएं। अतिरिक्त स्वाद के लिए और स्वास्थ्य लाभों के लिए जीरा, अदरक का प्रयोग कर सकते हैं।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको विटामिन, खनिज और फाइबर की अच्छी मात्रा मिले, कई प्रकार के फल, सब्जियां और साबुत अनाज (जैसे कुट्टू या सामक चावल) खाएं।