स्पेस में ऐसी लाइफ जीते एस्ट्रोनॉट्स, खाना-पीना होता इतना अलग,एक क्लिक में जाने सबकुछ
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स स्पेस में तकनीकी खराबी के चलते अटकी हुई हैं। जानिए अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स की लाइफस्टाइल, वे क्या खाते हैं, कैसे सोते हैं, और उनके लिए खास स्पेस टॉयलेट कैसे बनाए जाते हैं।
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में सवार होकर स्पेस स्टेशन की यात्रा पर गई थीं हालांकि तकनीकी खराब की वजह से वह अतंरिक्ष पर अटकी हुई हैं। नासा (NASA) उन्हें धरती पर लाने के लिए बड़े-बड़े प्लान तैयार कर रहा है। बहराहल ये इस प्रोसेस में कई दिनों का वक्त लगेगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है,स्पेस में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स की लाइफस्टाइल (Astronauts Lifestyle) कैसी होती है और क्या खाते हैं,कितने घंटों की नींद लेते हैं। अगर नहीं जानते हैं तो इन सभी सवालों का जब आज हम आपके के लिए लेकर आये हैं।
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धरती से अलग होती है स्पेस लाइफ
धरती में हम सभी तरह की चीजों का सेवन कर सकते हैं लेकिन स्पेस में एस्ट्रोनॉट की जिंदगी काफी अलग होने के साथ मुश्किल होती है। अंतरिक्ष में माइक्रोग्रेविटी काफी ज्यादा होती है। इसलिए एस्ट्रोनॉट्स को स्पेशल तरह का खाना दिया जाता है। उनका टॉयलेट भी स्पेशल तरीके से डिजाइन किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स बेबी फूड या फिर सॉफ्ट फूड लेकर जाते हैं। जो वह सीधे मुंह से नहीं बल्कि ट्यूब के जरिए खाते हैं। हालांकि अब इस टेक्नोलॉजी में विकास किया गया है। ज्यादातर एस्ट्रोनॉट हीट प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं। वहीं स्पेस यात्रियों के लिए स्पेशल फ्रीज चीजें बनाई जाती हैं जिनमें पानी कम होता है और वह उसे फल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं एस्ट्रोनॉट को स्पेशल तरीके के वॉटर इंजेक्शन दिये जाते हैं। जिसे रखने के लिए एक कंटेनर होता है। स्पेस में खाना मर्जी नहीं बल्कि वजन के हिसाब से एक सीमित मात्रा में खाया जा सकता है।
खास तरीके से बनाये जाते स्पेस टॉयलेट
एस्ट्रोनॉट्स के लिए खास टॉयलेट बनाये जाते हैं,जो दिखने में तो बिल्कुल धरती पर बने टॉयलेट्स जैसा होते हैं। हालांकि ये फुटहोल्ड और हैंड होल्ड होता है। ताकि बैठते या खड़े होते वक्त एस्ट्रोनॉट्स को दिक्कत न हो। ये एक तरह का वैक्यूम टॉयलेट होता है। जहां कचरा हवा के जरिए एक टैंक में ले जाया जाता है। साथ ही पेशाब के लिए स्पेशल पाइप होता है जो वैक्यूम पाइप की तरह काम करता है।
स्पेस में कैसे नहाते-सोते हैं एस्ट्रोनॉट?
स्पेस में पृथ्वी की तरह नहाना पॉसिबल नहीं है। ग्रेविटी की कमी के कारण एस्ट्रोनॉट कम से कम पानी इस्तेमाल करते हैं। नहाने की बजाय वे शरीर गीले तौलिये से पोंछते हैं। जहां तक बात सोने की आती हैं तो एस्ट्रोनॉट्स को भरपूर 8 घंटे की नींद लेनी होती है। स्पेस में कोई बेड नहीं होता है। इसलिए वह खास तरीके से तैयार किये गये स्लीपिंग कवर में सोते हैं।