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बहन के सपने पूरे करने को छोटी सी उम्र में कर दिया ऐसा काम, आनंद महिंद्रा से लेकर सोनू सूद ने किया सलाम

वो कहते हैं न कि ईश्वर भी उसी की मदद करता है, जो अपनी मदद खुद करता है, तभी तो जसप्रीत के लिए अब मदद के हाथों की कमी नहीं है। वीडियो वायरल होने के बाद आनंद महिंद्रा और सोनू सूद ने भी जसप्रीत की कहानी को ट्वीट किया है और उसकी पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्च उठाने का ऑफर दिया है। 

बहन के सपने पूरे करने को छोटी सी उम्र में कर दिया ऐसा काम, आनंद महिंद्रा से लेकर सोनू सूद ने किया सलाम
10 साल के मासूम की कहानी, जो रोल बेचकर उठा रहा अपना और बड़ी बहन का खर्च, विश्वास से कहता है बनूंगा पुलिस ऑफिसर

सिर्फ 10 साल, जी हां 10 साल के बच्चे की कल्पना आप कैसे करते हैं? खेलता-कूदता, अपनी जिद पूरी कराता बच्चा या फिर शांत स्वाभाव का बच्चा, लेकिन सिर्फ 10 साल की उम्र में किसी बच्चे में इतनी समझदारी होना कि वो, पिता के न रहने पर उनका ठेला  बंद न होने दे, शायद आपने नहीं सुना होगा। इसका कारण बताने की जरुरत नहीं, क्योंकि इतनी छोटी सी उम्र में न तो इतनी समझ होने की उम्मीद की जाती है और अगर एक बार उम्मीद कर भी लें, तब भी 10 साल का बच्चा घर का खर्चा उठा लेगा, ऐसा माना नहीं जा सकता है। 
लेकिन आज हम भारत रफ़्तार से जुड़े पाठको को एक ऐसे ही 10 साल के बच्चे की कहानी बताने जा रहे हैं। जो उम्र में तो काफी छोटा है, लेकिन जिंदगी के संघर्ष ने उसे उम्र से पहले ही बड़ा बना दिया है। 
खुद काम की ठानी फिर सोशल मीडिया ने बना दी जिंदगानी
10 साल के बच्चे का रोल बनाता हुआ वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। लेकिन जब सभी के सामने इस बच्चे के जज्बे की कहानी सामने आईं, तो ये बड़े-बड़े लोगों के लिए मिशाल बन गई। तमाम लोग उससे मिलने और उसे सपोर्ट करने के लिए दिल्ली के तिलक नगर पहुंचने लगे। 10 साल के इस बच्चे का नाम जसप्रीत है। जसप्रीत जिस ठेले पर खड़ा होकर रोल बेचता है, असल में इस ठेले की शुरुआत उसके पिता ने की थी। लेकिन लगभग डेढ़ महीने पहले TB की वजह से उनकी मौत हो गई। तब से जसप्रीत ने पिता की आखिरी निशानी को जिंदा रखने का संकल्प ले लिया। वो कहता है, ‘ये मेरे पापा की दुकान है, इसे कभी बंद नहीं होने दूंगा।’ 

छोटी सी उम्र में निभा रहा भाई होने का फर्ज, जबकि मां छोड़कर चली गई
जिस उम्र में बच्चे अपने पेरेंट्स की ओर अपनी जरुरत के जिद करते हैं। उसी उम्र में जसप्रीत ने घर की सारी जिम्मेदारी उठाई है। जसप्रीत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पिता की मौत के तुरंत बाद उसकी मां दोनों बच्चों को छोड़कर चली गई थी। जसप्रीत और उसकी बहन फिलहाल अपनी बुआ के पास रहते हैं, लेकिन जसप्रीत कहता है कि पापा के जाने के बाद बहन की सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही है। मैं अपनी जिम्मेदारी को समझता हूं इसलिए मैंने पापा की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। हालांकि जसप्रीत की बहन उससे चार साल बड़ी है और 8वीं क्लास में पढ़ती है, लेकिन जसप्रीत कहता है कि अपनी बहन के लिए मैं सब कुछ करूंगा। जसप्रीत की बहन तरणप्रीत बताती है कि जसप्रीत बहुत मेहनत करता है मुझसे भी ज्यादा।
पापा चाहते थे बेटा पुलिस अफसर बनें
जसप्रीत ने बताया कि पापा हम दोनों भाई बहन के लिए बहुत बड़े-बड़े सपने देखते थे। पापा का सपना था कि मैं बड़ा होकर एक पुलिस ऑफिसर बनूं और बहन टीचर बने। मैंने ये तय किया है कुछ भी हो जाए मैं पापा का सपना जरूर पूरा करूंगा। बहन को टीचर बनाऊंगा और खुद भी पुलिस अफसर बनकर रहूंगा। 
छोटी सी उम्र में सीख ली आत्म-सम्मान की परिभाषा
जसप्रीत और उसकी बहन अपनी बुआ के पास रहते हैं। उसकी बुआ सुमन प्रीत कौर ने एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए बताया कि हम कभी नहीं चाहते थे कि जसप्रीत काम करे लेकिन ये जसप्रीत की ही जिद थी कि वो अपने पिता की दुकान को आगे बढ़ाए। वो कहती हैं कि जसप्रीत कभी भी अपने पापा की दुकान को बंद करना नहीं चाहता था। वो रोज सुबह 7 बजे उठता है। 3 बजे स्कूल से लौटकर आता है। फिर ट्यूशन जाता है और फिर ट्यूशन से लौट कर दुकान पर पहुंचता है। स्कूल से आने के तुरंत बाद वो अपना होमवर्क और पढ़ाई पूरी कर लेता है। जसप्रीत की मेहनत देखकर हम सब भी दंग रह जाते हैं।वीडियो वायरल होने के बाद आनंद महिंद्रा और सोनू सूद ने भी जसप्रीत की कहानी को ट्वीट किया है और उसकी पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्च उठाने का ऑफर दिया है। इलाके के कई स्थानीय नेता भी सामने आए। बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने जसप्रीत और उसकी बहन का एडमिशन प्राइवेट स्कूल में करवाने का आश्वासन दिया है। वो कहते हैं कि ईश्वर भी उसी की मदद करता है, जो अपनी मदद खुद करता है, तभी तो जसप्रीत के लिए अब मदद के हाथों की कमी नहीं है।