Dungarpur News: राजस्थान में चांदीपुरा वायरस के 2 संदिग्ध मामले, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
पिछले दो सप्ताह में राजस्थान के डूंगरपुर जिले में चांदीपुरा वायरस से संक्रमित चार बच्चों की मौत हो चुकी है। जिससे राज्य का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है।
राजस्थान के डूंगरपुर जिले में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण चार बच्चों की मौत के बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। दो और मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारियों ने शुक्रवार को मामले की जानकारी दी थी।
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दो और बच्चों में वायरस के लक्षण
अधिकारियों ने बताया कि दो और बच्चों - रामसोर बागड़ी गांव की चार वर्षीय लड़की और बलदिया के तीन वर्षीय लड़के - को चांदीपुरा वायरस होने का संदेह है और उन्हें डूंगरपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें उल्टी और दस्त सहित घातक वायरस के लक्षणों के बाद 10 जुलाई को भर्ती कराया गया था।
घर-घर जाकर बच्चों की जांच
डूंगरपुर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अलंकार गुप्ता ने बताया कि रामसोर और बलदिया गांव में डॉक्टरों और नर्सों की टीम भेजी गई है। वे घर-घर जाकर बच्चों की जांच करेंगे। डॉ. अलंकार गुप्ता ने बताया, "अगर किसी बच्चे को बुखार, उल्टी या दस्त की शिकायत होती है तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।"
दो से चौदह साल के बच्चों की मौत
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए डॉक्टर गुप्ता ने कहा, "जिन बच्चों की मौत हुई है, उनकी उम्र दो से चौदह साल के बीच थी। एक बच्चा उदयपुर जिले के कल्याणपुर गांव का था। डॉक्टर बच्चों की मौत का कारण नहीं बता पाए हैं। लेकिन उनमें चांदीपुरा वायरस के लक्षण थे। कोई सैंपल नहीं लिया गया था, इसलिए मौत का कारण पता लगाना मुश्किल है।"
डूंगरपुर अस्पताल के शिशु रोग विभाग के प्रमुख डॉ. नीलेश गोठी ने बताया, "दोनों बच्चों को 10 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनमें चांदीपुरा वायरस के लक्षण थे। हमने सैंपल लेकर उदयपुर भेजे थे। उदयपुर से सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए हैं। लैब रिपोर्ट से पता चलेगा कि बच्चों में चांदीपुरा वायरस है या नहीं।" उन्होंने बताया कि दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
चांदीपुरा वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, ऐंठन और बेहोशी शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह कोमा और मौत तक बढ़ सकता है। यह रोगज़नक़ रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस का सदस्य है। अब तक 18,000 से ज़्यादा लोगों की लक्षणों के लिए जांच की जा चुकी है। यह वायरस मच्छरों, टिक्स और सैंडफ़्लाइज़ द्वारा फैलता है।