Ajmer News: भड़काऊ नारे लगाने के मामले में अजमेर दरगाह के मौलवी गौहर चिश्ती बरी
साल 2022 में 17 जून को निज़ाम गेट से दिए गए भाषण पर 25 जून को एफआईआर दर्ज होने के बाद चिश्ती को जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
अजमेर की एक अदालत ने दरगाह 'खादिम' (मौलवी) गौहर चिश्ती और पांच अन्य को बरी कर दिया, जिन पर मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के गेट से भड़काऊ नारे लगाने का आरोप था. बता दें कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा 2022 में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद भड़काऊ नारे लगाने का मामला सामने आया था.
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वहीं बरी होने के बाद गौहर चिश्ती ने मीडिया से कहा, “मेरे मामले में न्याय मिल गया है। मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं ” .
सरकारी वकील गुलाम नाजमी ने बताया, ''सभी आरोपियों को सभी धाराओं से बरी कर दिया गया है. आदेश की जांच के बाद फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी।''
क्या है पूरा मामला
बता दें कि साल 2022 में 17 जून को निज़ाम गेट से दिए गए भाषण पर 25 जून को एफआईआर दर्ज होने के बाद चिश्ती को जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एफआईआर के अनुसार, चिश्ती ने पैगंबर का अपमान करने वालों का सिर काटने के लिए लोगों को उकसाया था।
कौन-कौन सी धाराएं लगाई गईं
मामला आईपीसी की धारा 117 (जनता या 10 से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध करने के लिए उकसाना), 143 और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 504 (जानबूझकर अपमान करना), शांति भंग करने के लिए उकसाना और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज किया गया था।