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Alwar News: जिला कलेक्टर ने किया जनरल, शिशु एवं महिला अस्पतालों का औचक निरिक्षण, अधिकारियों की लगाई क्लास, जानिए

कलेक्टर शुक्ला सुबह जिला अस्पताल के मुख्य द्वार से पैदल ही सेंट्रल लैब पहुंचीं। सबसे पहले उन्हें रैंप टूटा मिला। उन्होंने तत्काल पीएमओ को कहा कि इसे तीन दिन में ठीक करवा दिया जाए।

Alwar News: जिला कलेक्टर ने किया जनरल, शिशु एवं महिला अस्पतालों का औचक निरिक्षण, अधिकारियों की लगाई क्लास, जानिए

अलवर की जिला कलेक्टर अर्तिका शुक्ला ने शहर की सफाई के साथ-साथ अब जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और बच्चों के अस्पताल को सुधारने का बीड़ा उठा लिया है। रविवार सुबह कलेक्टर ने एक घंटे से ज्यादा समय तक तीनों अस्पतालों का दौरा किया। जिला अस्पताल की हालत बेहद खराब पाए जाने पर पीएमओ को इसमें सुधार के लिए कई बार सख्त निर्देश देने पड़े। ट्रोमा सेंटर के बाहर रैंप टूटा मिला। सामने लगा वाटर कूलर बंद मिला। बिल्डिंग की दीवार क्षतिग्रस्त मिली। ओपीडी काउंटर पर पर्ची बनाने की व्यवस्था ठीक नहीं थी। वार्ड में बेड पर गंदगी मिली। यह सब देखकर कलेक्टर ने पीएमओ डॉ. सुनील चौहान के प्रति नाराजगी जताई। महिला अस्पताल पहुंची तो मुख्य गेट पर गंदा पानी भरा मिला और मच्छर भिनभिना रहे थे। कलेक्टर ने मदर मिल्क वार्ड और आईसीयू वार्ड की तारीफ की।

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मेन गेट से पैदल ही निकली कलेक्टर

कलेक्टर शुक्ला सुबह जिला अस्पताल के मुख्य द्वार से पैदल ही सेंट्रल लैब पहुंचीं। सबसे पहले उन्हें रैंप टूटा मिला। उन्होंने तत्काल पीएमओ को कहा कि इसे तीन दिन में ठीक करवा दिया जाए। उन्हें ट्रॉमा सेंटर के सामने वाटर कूलर टूटा मिला। उन्होंने इसे ठीक करवाने को कहा।

कलेक्टर ओपीडी काउंटर पर पहुंचीं। ओपीडी पर्चियों की लाइन देखकर उन्होंने कहा कि टोकन के आधार पर नंबर आने चाहिए। डिस्प्ले पर नंबर दिखने चाहिए। ऐसा ही होना चाहिए। इसके बाद वे एक्स-रे रूम पहुंचीं। वहां सीसीटीवी कैमरे बंद मिले। कुछ सीसीटीवी कैमरों की दिशा गलत थी। उन्होंने कुछ दिनों में दोनों को सही करने को कहा। इसके बाद वे दवा वितरण केंद्र पहुंचीं। वहां कतार लगी थी। लेकिन मुख्यमंत्री निशुल्क योजना के तहत मिलने वाली दवाओं का बोर्ड नहीं मिला। न ही दवाओं का नाम लिखा था। प्रभारी नर्सिंग अधिकारी को बुलाया। इसके बाद वे शौचालय के बाहर गईं। वहां क्यूआर कोड के आधार पर शिकायत करने की व्यवस्था बंद मिली। इसके बाद पीएमओ टालमटोल करने लगीं। फिर उन्होंने जिम्मेदार अधिकारी को बुलाने को कहा। लेकिन कोई जिम्मेदारी लेने नहीं आया। तब कलेक्टर ने पीएमओ को फटकार लगाई और तुरंत क्यूआर कोड लगाकर जिम्मेदारी तय करने को कहा।

महिला सर्जिकल वार्ड में गंदगी देख भड़की कलेक्टर

इसके बाद कलेक्टर हैवेल्स द्वारा गोद लिए गए वार्ड के बाहर पहुंचीं। उन्होंने कहा कि वहां मरीजों के साथ कोई परिजन मौजूद नहीं थे। इसके बाद वे महिला सर्जिकल वार्ड में पहुंचीं। वहां बेड पर गंदगी थी। जिस पर उन्होंने नर्सिंग स्टाफ को सफाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद वे पिछले गेट से महिला अस्पताल की ओर गईं। उन्होंने अस्पताल के बाहर भी सफाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यवाहक आयुक्त को तत्काल सफाई करवाने को कहा। उन्होंने दुकानदारों से डस्टबिन रखने को कहा।

जनाना अस्पताल के गेट के पास गंदा पानी व मच्छर

महिला अस्पताल में घुसते ही उन्हें गंदे पानी से भरे गड्ढे और मच्छर मिले। इस पर उन्होंने पीएमओ से कहा कि यह सब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। गंदे पानी की निकासी नहीं कराई गई है। मच्छर मारने की दवा न लगाने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। इसके बाद वह मदर मिल्क वार्ड पहुंचीं। वहां सभी व्यवस्थाएं ठीक मिलीं। महिला अस्पताल में आईसीयू वार्ड साफ मिला। उन्होंने पीएमओ से कहा कि इनसे सीख लें। बाद में वह बाल चिकित्सालय पहुंचीं। वहां छत का प्लास्टर खराब मिला। उन्होंने इसे तुरंत ठीक कराने के निर्देश दिए।

कुपोषित बच्चों के लिए अच्छा माहौल बनाएं। कलेक्टर ने शिशु अस्पताल में कुपोषित बच्चों के वार्ड का दौरा किया। वहां जाकर कलेक्टर ने कहा कि इन बच्चों के खेलने का माहौल होना चाहिए। खान-पान में संतुलन होना चाहिए। इसके लिए जगह विकसित की जानी चाहिए। ताकि इन बच्चों को यह न लगे कि वे मरीज हैं।

अस्पताल में होगी जल्द ही मरम्मत - कलेक्टर

निरीक्षण के बाद कलेक्टर ने मीडिया से कहा कि अभी हम साफ-सफाई पर ध्यान दे रहे हैं। अस्पताल में कई काम प्रक्रियाधीन हैं। लंबित काम जल्द पूरे हो जाएंगे। महिला व बाल चिकित्सालय में अच्छी व्यवस्थाएं हैं। मदर मिल्क वार्ड बेहतर है। यहां दो से तीन हजार मरीजों की ओपीडी है। एम्स व बड़े अस्पतालों की तर्ज पर हम सुधार करने का प्रयास करेंगे। आगे भी एसडीएम व कार्यवाहक कमिश्नर निरीक्षण करते रहेंगे।

रिपोर्ट - सुधीर पाल