Dausa News: बांदीकुई जंक्शन पर ट्रेन हादसे की खबर से मचा हड़ंप, मॉकड्रिल के बाद लोगों ने ली राहत की सांस
शुक्रवार को बांदीकुई जंक्शन पर बरेली एक्सप्रेस के दो डिब्बे S3 और S4 के पटरी से उतरने की सूचना पर हड़कंप मच गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और अन्य सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
दौसा जिले के बांदीकुई जंक्शन पर शुक्रवार को अचानक एक बड़ा ट्रेन हादसा होने की खबर से चारों तरफ हड़कंप मच गया। बरेली एक्सप्रेस के दो डिब्बे S3 और S4 पटरी से उतरकर एक-दूसरे पर चढ़ गए, जिससे यात्री और वहां के स्थानीय लोग काफी घबरा गए। इस घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आरपीएफ, जीआरपी और अन्य बचाव टीमें मौके पर पहुंच गईं।
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रेलवे ने किया मॉकड्रिल
शहर में इमरजेंसी सायरन की आवाज सुनते ही लोग सड़कों पर निकल आए। लेकिन, बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह रेलवे की ओर से मॉकड्रिल किया गया था, जिसके बाद लोगों को राहत की सांस आई। रेलवे ने इस मॉकड्रिल का आयोजन ट्रेन दुर्घटना की स्थिति में रेलकर्मियों और प्रशासन की तत्परता की जांच के लिए किया था।
रेलवे के डिब्बों की पटरी से उतरने की सूचना फैली
इस जंक्शन पर अचानक सायरन बजाकर बरेली एक्सप्रेस के दो डिब्बों के पटरी से उतरने की सूचना दी गई थी। इसके बाद मौके पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), चिकित्सा टीम, एंबुलेंस, और रेलवे अधिकारी पहुंच गए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और डिब्बों में फंसे यात्रियों को सावधानीपूर्वक बाहर निकाला।
क्या था मॉकड्रिल का उद्देश्य
इस मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह था कि वास्तविक हादसे की स्थिति में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित हो और दुर्घटना स्थल पर समय पर पहुंचकर राहत कार्य किया जा सके। मॉकड्रिल के दौरान सभी संबंधित टीमों ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और डिब्बों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया। बचाव दल ने डिब्बों को काटकर लोगों को बाहर निकाला और घायलों को मेडिकल टीम के सुपुर्द किया गया।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस मॉकड्रिल के जरिए ट्रेन दुर्घटना के दौरान राहत और बचाव कार्यों की दक्षता की जांच की गई, ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी आपदा के समय बेहतर ढंग से राहत कार्य किया जा सके।