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Bharatpur News: राजस्थान की पहली महिला सांसद, जिनकी सुरक्षा करेंगे उनके पति

भरतपुर की सांसद ने करीब 20 दिन पहले इस नाम की सिफारिश भेजी थी। नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए जाटव ने कहा, मेरे पति मेरी ताकत हैं और अब वे ड्यूटी पर रहते हुए भी मेरे साथ रहेंगे।

Bharatpur News: राजस्थान की पहली महिला सांसद, जिनकी सुरक्षा करेंगे उनके पति

कांग्रेस नेता संजना जाटव पहली ऐसी सांसद होंगी जिनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) उनके पति होंगे। राजस्थान से सांसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनके पति को सौंपी गई है जो राज्य पुलिस में कांस्टेबल हैं।

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सांसद ने पति के नाम की सिफारिश की

जाटव के पति का नाम कप्तान सिंह है और वो अब सांसद के पीएसओ के तौर पर काम करेंगे। उनके नाम की संस्तुति खुद उनकी पत्नी संजना जाटव ने की थी। नियुक्ति के आदेश अलवर के एसपी आनंद शर्मा ने पारित किए।

रिपोर्ट के अनुसार, भरतपुर की सांसद ने करीब 20 दिन पहले इस नाम की सिफारिश भेजी थी। नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए जाटव ने कहा, "मेरे पति मेरी ताकत हैं और अब वे ड्यूटी पर रहते हुए भी मेरे साथ रहेंगे।" उन्होंने दावा किया कि सांसद चुने जाने के बाद भी उनके पति-पत्नी के बीच कुछ खास बदलाव नहीं आया है। हालांकि वह इस बात से सहमत हैं कि अब उनकी ज़िंदगी पहले से ज़्यादा व्यस्त हो गई है, लेकिन उनके पति का उनके प्रति या उनके पति का उनके प्रति व्यवहार पहले जैसा ही है।

दूसरी ओर उनके पति कप्तान सिंह ने कहा, "एमपी मैडम मेरे साथ ज़्यादा सहज महसूस करेंगी। मैं उनकी सुरक्षा के लिए काम करके बहुत खुश हूं। हमने करीब एक महीने पहले पीएसओ के तौर पर नियुक्त किए जाने की अनुमति मांगी थी और अब पुलिस विभाग ने यह आदेश पारित कर दिया है।"

सबसे कम उम्र की सांसद संजना जाटव
संजना जाटव राजस्थान की सबसे युवा सांसद हैं। उनकी शादी 18 साल की उम्र में अलवर जिले के कठूमर निवासी कप्तान सिंह से हुई थी। अपने ससुर हरभजन सिंह की वजह से ही वो राजनीति में आईं। उनके ससुर ठेकेदार हैं और परिवार के एक बुजुर्ग गांव के सरपंच रह चुके हैं। संजना ने अपना पहला चुनाव 2021 में अलवर के वार्ड नंबर 29 से लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने 2023 में कठूमर से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दुर्भाग्य से वह ये चुनाव हार गईं।

लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें भरतपुर से लोकसभा चुनाव में टिकट दिया। पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए वह 51,000 वोटों से विजयी हुईं। माना जाता है कि वह राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट गुट का हिस्सा हैं। उन्होंने जीत के बाद संसद में अपने क्षेत्र की जरूरतों और मांगों को उठाने का वादा किया।