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राजस्थान में उठ रही ‘भील प्रदेश’ की मांग, रैली में फिर गूंजा ‘हम हिंदू नहीं हैं’ !

भील समुदाय के कई सदस्य आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में एक "महा सम्मेलन" के लिए एकत्र हुए और चार राज्यों से 49 जिलों को काटकर एक अलग राज्य "भील प्रदेश" की मांग उठाई।

राजस्थान में उठ रही ‘भील प्रदेश’ की मांग, रैली में फिर गूंजा ‘हम हिंदू नहीं हैं’ !

राजस्थान में इस वक्त एक मांग जोर पकड़ रही है और वो मांग है अलग राज्य से जुड़ी, मांग अलग ‘भील प्रदेश’ बनाने की। इसको लेकर तमाम आदिवासी नेता पुरजोर तरीके से मांग को लेकर अड़े हैं। वहीं 18 जुलाई को बड़ा प्रदर्शन भी किया गया।

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भील समुदाय के कई सदस्य आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में एक "महा सम्मेलन" के लिए एकत्र हुए और चार राज्यों से 49 जिलों को काटकर एक अलग राज्य "भील प्रदेश" की मांग उठाई। बता दें कि राजस्थान के आदिवासी समुदाय ने 'भील प्रदेश' नामक एक नए राज्य के निर्माण की मांग की है, वो मांग जिसे राज्य सरकार पहले ही खारिज कर चुकी है।

4 प्रदेशों के 49 जिलों को मिलाकर मांग
आदिवासी समाज ने राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के 49 जिलों को मिलाकर नए राज्य के गठन की मांग की है। राजस्थान के पुराने 33 जिलों में से 12 जिलों को नए राज्य में शामिल करने की भी मांग है। 

35 संगठन हुए थे शामिल
18 जुलाई को हुए इस प्रदर्शन में भील समाज के सबसे बड़े संगठन आदिवासी परिवार समेत 35 संगठनों ने एक बड़ी रैली बुलाई थी। रैली में आदिवासी परिवार संस्था की संस्थापक सदस्य मेनका डामोर ने कहा कि आदिवासी महिलाओं को पंडितों के निर्देशों का पालन नहीं करना चाहिए।

‘हम हिंदू नहीं हैं’
उन्होंने कहा, हम हिंदू नहीं हैं। आदिवासी परिवार सिन्दूर नहीं लगाते, मंगलसूत्र नहीं पहनते। आदिवासी समाज की महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। अब से सभी को उपवास करना बंद कर देना चाहिए। बता दें कि आदिवासी परिवार संस्था चार राज्यों में फैली हुई है। 

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से होगी मुलाकात !
बांसवाड़ा से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के सांसद राजकुमार रोत ने कहा था, "भील प्रदेश की मांग नई नहीं है। बीएपी इस मांग को जोरदार तरीके से उठा रही है। मेगा रैली के बाद एक प्रतिनिधिमंडल प्रस्ताव के साथ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलेगा।"

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में आयोजित बैठक में राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से आदिवासी समाज के लोग जुटे थे। बैठक को लेकर राज्य की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर थीं और मेगा रैली वाले इलाके में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था। भील प्रदेश की मांग में राजस्थान के 12 और एमपी के 13 जिले शामिल हैं।

क्या कहा जनजाति मंत्री ने?
जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि जाति के आधार पर राज्य नहीं बन सकता. अगर ऐसा हुआ तो अन्य लोग भी मांग करेंगे. हम केंद्र को प्रस्ताव नहीं भेजेंगे. खराड़ी ने कहा कि धर्म बदलने वालों को आदिवासी आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए.

DNA वाले बयान माफी मांग चुके हैं दिलावर
इस बीच खबर है कि राज्य के मंत्री मदन दिलावर ने आदिवासियों की वंशावली पर अपनी डीएनए टिप्पणी के लिए गुरुवार को माफी मांगी ।
उन्होंने कहा, ''हिंदू समाज का सबसे अच्छा हिस्सा हैं। अगर मेरे भाषण से विपक्ष या मेरे आदिवासी भाइयों को कोई दुख हुआ है, तो मैं माफी मांगता हूं।'' दिलावर ने विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच ऐसा कहा।