Dungarpur News: डूंगरपुर का ये मामला संसद में जोर-शोर से गूंजा, सांसद राजकुमार रोत ने कई समस्याओं को प्रमुखता से उठाया
सांसद राजकुमार ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के समक्ष मुद्दा उठाया कि वर्तमान में बारिश के मौसम के बावजूद बांसवाड़ा के दानपुर में प्रशासन और NPCL के कर्मियों ने स्थानीय ग्रामीणों को विस्थापित करने की कार्रवाई की है।
बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने बांसवाड़ा दानपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के चलते स्थानीय प्रशासन और NPCL कार्मिकों के द्वारा ग्रामीणों के साथ मारपीट और बारिश में घरों से लोगों को हटाने जैसी गंभीर घटना को संसद में उठाया।
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लोकसभा में शून्य काल के दौरान उठाया मुद्दा
सांसद राजकुमार ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के समक्ष मुद्दा उठाया कि वर्तमान में बारिश के मौसम के बावजूद बांसवाड़ा के दानपुर में प्रशासन और NPCL के कर्मियों ने स्थानीय ग्रामीणों को विस्थापित करने की कार्रवाई की है। साथ ही घरों को खाली करवाने के लिए पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की और इसमें लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार अनुचित और अमानवीय है और इसकी जितनी निंदा की जाये कम है।
जापान के फुकुशिमा और सोवियत संघ के चेर्नोबिल का जिक्र
सांसद रोत ने अपने संबोधन में जापान के फुकुशिमा और सोवियत संघ के चेर्नोबिल जैसी आपदाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे संयंत्रों से होने वाला नुकसान बेहद विनाशकारी हो सकता है। जिसमें 26 अप्रैल, 1986 को सोवियत संघ के चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टर में विस्फोट हुआ था। इससे आस-पास के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में विकिरण फैल गया था।
माही डैम का मुद्दा भी उठाया
साथ ही सांसद राजकुमार ने बताया कि माही डैम से कृषि के लिए उपयोग होने वाले पानी को इस योजना में लेने और दोबारा उसी में वापस छोड़ने की भी योजना है, जिससे आसपास के किसानों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
परमाणु संयंत्रों के दुष्प्रभाव का किया जिक्र
रोत ने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार, ऐसे परमाणु संयंत्रों के आसपास के क्षेत्रों में तापमान में वृद्धि भी दर्ज की गई है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस परियोजना को तुरंत रोका जाए और बारिश के मौसम में स्थानीय निवासियों के विस्थापन को तुरंत रोका जाए। इस योजना से विस्थापित होने वाले निवासियों के लिए जो आवास देने का वादा दिया है वो भी इतने छोटे हैं जिनमें रहना बहुत ही मुश्किल है, वहां भी भ्रष्टाचार हो रहा है।
सांसद राजकुमार रोत के इस गंभीर मुद्दे को संसद में उठाने से क्षेत्रीय समस्याओं पर राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान केंद्रित हुआ है। जिससे आने वाले दिनों में सरकार से उचित कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
रिपोर्ट- सादिक़ अली