फेक नरेटिव का भंडाफोड़: ब्रज संवादोत्सव में हुआ सोशल मीडिया का जमकर विश्लेषण, पढ़िए ये खास रिपोर्ट
जितेश जेठानंदानी ने बताया कि कैसे जालौर के मटका कांड पर झूठा नरेटिव फैलाया गया था।
ब्रज संवादोत्सव में 'फेक नरेटिव' नामक सत्र में सोशल मीडिया एक्सपर्ट योगेश राजपुरोहित और अंशुल सक्सेना, पत्रकार जितेश जेठानंदानी और वार्ताकार उमेश गुप्ता ने सोशल मीडिया पर फैलने वाले झूठे प्रचार का भंडाफोड़ किया।
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एंटी-भारत स्टोरीज फैलाकर उन्हें बढ़ावा देते हैं: जितेश जेठानंदानी
जितेश जेठानंदानी ने बताया कि कैसे जालौर के मटका कांड पर झूठा नरेटिव फैलाया गया था। उन्होंने सहारनपुर के कांड पर पाकिस्तान से चलने वाले हैशटैग और हरियाणा चुनाव में फैलाए गए झूठे प्रचार का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि मीडिया चैनल्स भी भारत के त्योहारों के समय पर एंटी-भारत स्टोरीज फैलाकर उन्हें बढ़ावा देते हैं।
अंशुल सक्सेना ने बताया कि कैसे सोशल मीडिया पर अलग-अलग जगहों के वीडियो को भारत के वीडियो बताकर एंटी-इंडिया कैंपेन चलाया जाता है। उन्होंने चाइनीस मीडिया द्वारा बॉर्डर विवादों के समय पर फैलाए जाने वाले झूठे प्रचार, कश्मीर से धारा 370 हटाने पर फैलाए गए झूठे नरेटिव और क्रिकेटर अरशदीप सिंह के विकिपीडिया प्रोफाइल को पाकिस्तान के किसी व्यक्ति द्वारा एडिट करके उन्हें खालिस्तान सपोर्टर बताया जाने की घटना का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि कैसे फाइवर जैसी विदेशी कंपनियां भारत के नक्शे को काटकर फेक नरेटिव फैलाती हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से झूठे नरेटिव फैलाना आसान
योगेश राजपुरोहित ने बताया कि आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से झूठे नरेटिव फैलाना बहुत आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि कैसे दलित, आदिवासी, जाति के नाम पर कई भेदभाव के झूठे विमर्श गढ़े जाते हैं जबकि वास्तव में ऐसा कोई भेदभाव नहीं होता। उन्होंने बताया कि टूलकिट के माध्यम से सोशल मीडिया पर नरेटिव फैलाया जाता है और बड़े-बड़े सोशल मीडिया हैंडल्स इसे शेयर करते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे जाति के नाम पर एक ही यूजर अलग-अलग जाति के नाम से आईडी बनाता है और लड़ाई करवाने का प्रयास करता है। उन्होंने ऐसे असामाजिक तत्वों को रिपोर्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया।