Bharatpur News: साइबर अपराधियों ने कलेक्टर का नाम लेकर किया फर्जीवाड़ा, श्रीलंका से ऑपरेट हुआ व्हाट्सएप नंबर
भरतपुर के कलेक्टर डॉ. अमित यादव के नाम पर साइबर अपराधियों ने फर्जी व्हाट्सएप आईडी बनाकर अधिकारियों को ठगी के लिए निशाना बनाया। जांच में सामने आया कि ये नंबर श्रीलंका से ऑपरेट हो रहा था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
राजस्थान के भरतपुर में साइबर अपराधियों का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस बार ठगों ने लोगों को धोखा देने के लिए भरतपुर के कलेक्टर डॉ. अमित यादव का नाम इस्तेमाल किया। साइबर अपराधियों ने कलेक्टर के नाम से व्हाट्सएप पर एक फर्जी आईडी तैयार की और इस आईडी के जरिए विभिन्न अधिकारियों को ठगी के जाल में फंसाने के लिए संदेश भेजने शुरू कर दिए।
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कलेक्टर भी सुन कर हुए शौक
जब अधिकारियों को इन संदिग्ध मैसेजों के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने इसकी सूचना तुरंत कलेक्टर को दी। यह सुनकर कलेक्टर डॉ. अमित यादव भी हैरान रह गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए जब व्हाट्सएप नंबरों की जांच की गई, तो पता चला कि ये नंबर श्रीलंका का है।
साइबर ठगी के मामलों ने मचाया हड़कंप
इस साइबर ठगी के मामले ने भरतपुर में हड़कंप मचा दिया है। साइबर अपराधियों ने भरतपुर के कलेक्टर डॉ. अमित यादव की तस्वीर को प्रोफाइल फोटो के रूप में इस्तेमाल करते हुए एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाया। इस अकाउंट के जरिए बदमाशों ने अधिकारियों को मैसेज भेजना शुरू किया। इन मैसेजों में कोई गंभीर बात नहीं थी, लेकिन उनमें अधिकारियों से उनकी खैरियत पूछने, "आप इस समय कहां हैं?" जैसे सामान्य सवाल किए गए थे।
साइबर सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
जब कलेक्टर डॉ. अमित यादव को इस संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत भरतपुर के एसपी मृदुल कच्छावा को इस मामले की शिकायत दी। इस घटना से जिले में साइबर सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
भरतपुर कलेक्टर को जब उनके नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाए जाने की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत एसपी मृदुल कच्छावा से इसकी शिकायत की। शिकायत मिलते ही भरतपुर पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया और साइबर सेल की मदद से उस नंबर को ट्रेस किया। जांच में पता चला कि वह नंबर श्रीलंका का है।
कलेक्टर की फोटो लगाकर ठगी की
साइबर टीम अब इस नंबर के आधार पर आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि जिस व्हाट्सएप नंबर (94757911226) से कलेक्टर को मैसेज भेजे गए, वह 11 अंकों का था और उस पर कलेक्टर की फोटो लगी हुई थी। उन्होंने यह भी बताया कि डीग जिले के मेवात क्षेत्र में साइबर अपराधी इस तरह की फर्जी डीपी का इस्तेमाल कर पहले भी कई वारदातें कर चुके हैं।