इरफान खान जयपुर से निकल मायानगरी पहुंचे और पूरी दुनिया को अपनी एक्टिंग का दीवाना बना दिया
बेस्ट एक्टर इरफान खान जयपुर के रहने वाले थे। आज वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी एक्टिंग से वो आज भी फैंस के दिलों में जिंदा है। इरफान खान का सफर कैसा रहा, जानिए इस लेख में..
एक्टिंग की दुनिया में बेस्ट एक्टर कहलाने वाले इरफान खान जयपुर के रहने वाले थे। अपनी एक्टिंग और अपनी शख्सियत से उन्होंने करोड़ो लोगों के दिलों में घर बनाया। लेकिन वो जयपुर को अपना घर कहा करते थे। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका हुनर उनके फैंस के दिलों में जिंदा है। कैसे इरफान खान जयपुर से मायानगरी मुंबई पहुंचें, और फिर पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया? आइए जानते हैं।
जयपुर में हुई शुरुआती पढ़ाई
इरफान खान का जन्म राजस्थान के एक मुस्लिम परिवार सईदा बेगम खान और यासीन खान के घर में हुआ था। उनके पेरेंट्स टोंक जिले के खजुरिया गांव से थे। इरफान खान का बचपन टोंक और जयपुर में बीता और शुरूआती पढ़ाई भी जयपुर में ही हुई। उन्होंने जयपुर से ग्रेजुएशन किया। साल 1984 में उन्होंने दिल्ली में नेशनल नाट्य विद्यालय में पढ़ाई के लिए स्कॉलर प्राप्त की और वहां एक्टिंग की ट्रेनिंग ली।
टेलीविजन से किया था एक्टिंग डेब्यू
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली से ट्रेनिंग लेकर इरफान एक्टिंग करियर बनाने मुंबई पहुंचे। उन्होंने कई टीवी सीरियल 'चाणक्य', 'भारत एक खोज', 'सारा जहां हमारा', 'बनेगी अपनी बात' और 'चंद्रकांता' में काम किया। इन सभी सीरियल से इरफान टीवी पर हिट हो गए थे। लेकिन अभी बड़े पर्दे पर एक्टिंग बाकी थी।
नेगेटिव रोल से हुए हिट
टेलीविजन शोज के दौरान मीरा नायर ने इरफान खान को 'सलाम बॉम्बे' में एक कैमियो रोल ऑफर किया था, मगर फिल्म से उनके सभी सीन काट दिए गए थे। फिर उन्होंने साल 1990 में पंकज कपूर और शबाना आजमी स्टारर फिल्म 'एक डॉक्टर की मौत' से अपना डेब्यू किया। फिल्म में उनकी भूमिका एक बेबाक रिपोर्टर की थी। हालांकि इससे भी उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली। जब उनकी कई सारी फिल्में फ्लॉप रहीं, तो इरफान को नेगेटिव किरदार मिलने लगे। साल 2004 में 'हासिल' के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट विलेन का अवॉर्ड भी मिला। जिसके बाद 2007 में 'लाइफ इन अ मेट्रो' से उनके करियर को अच्छी उड़ान मिली। पान सिंह तोमर से लोगों के बीच वो पसंदीदा हीरो बनकर सामने आए। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अंगेजी मीडियम एक्टर के करियर की आखिरी फिल्म रही।
कैंसर ने ली एक्टर की जान
इरफान खान को जानने वाले उन्हें जितना अच्छा एक्टर मानते थे, उतना ही अच्छा व्यक्ति भी बताते हैं। 29 अप्रैल, 2020 में कोकिलाबैन हॉस्पिटल में कैंसर से उनकी मौत हो गई। इरफान खान ने नेशलन स्कूल ऑफ ड्रामा में साथ पढ़ने वालीं सुतपा सिकदर से 1995 में शादी की थी। दोनों के दो बच्चे बबिल और आयान हैं। इरफान के बड़े बेटे बाबिल बॉलीवुड में कदम रख चुके हैं।