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आज भी हम आदिवासी क्षेत्र को पिछड़े हुए के रूप में देख रहे हैं: उमेश मीणा

विधायक उमेश मीणा ने बताया कि आसपुर विधासभा क्षेत्र के साथ जिला मुख्यालय, दोनों जगहों पर सरकारी नर्सिंग कॉलेजो के खोलने की अति-आवश्यकता है, साथ ही आसपुर विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है

आज भी हम आदिवासी क्षेत्र को पिछड़े हुए के रूप में देख रहे हैं: उमेश मीणा

डुंगरपुर। राजस्थान विधानसभा में आसपुर विधायक उमेश मीणा ने सदन में अनुदान की मांगो के दौरान अपने भाषण में कहां कि आज भी हम आदिवासी क्षेत्र को पिछड़े हुए के रूप में देख रहे हैं जहां चिकित्सा से लेकर शिक्षा तक लगभग सभी दिशाओं में विकास की गति को बढ़ावा देने की जरूरत है।

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विधायक उमेश मीणा ने बताया कि आसपुर विधासभा क्षेत्र के साथ जिला मुख्यालय, दोनों जगहों पर सरकारी नर्सिंग कॉलेजो के खोलने की अति-आवश्यकता है, साथ ही आसपुर विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र की महिलाओं में शिक्षा की कमी एवं महिलाओं से जुड़ी बीमारिया अधिक है इसलिए विशेष चिकित्सा सुविधा विकसित करने की अति-आवश्यकता है। आसपुर विधानसभा में पिछली सरकार ने 4-5 वर्ष पुर्व ट्रोमा सेंटर खोला, लेकिन स्टाफ की कमी एवं सुविधाओं की कमी के कारण यह बन्द हो गया, जिसे स्टाफ की कमी पुरी कराते हुए पुनः चालु कराने की मांग सरकार के समक्ष रखी।

साथ ही बताया कि क्षेत्र के निठाउवा, रिछा एवं साबला में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तो मौजुद हैं, लेकिन इन जगहों पर आज दिनांक तक मोर्चरी (मुर्दाघर) मौजुद नही है जिसके चलते क्षेत्र में अनहोनी दुर्घटना होने पर मृतक के परिवारों एवं स्टाफ को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय या आसपुर के चक्कर लगाने पड़ते हैं, ऐसे में विधायक उमेश मीणा ने इन स्थानों पर इसके भवन के निर्माण की मांग की। इसी के साथ क्षेत्र के उपस्वास्थ्य केन्द्रों को लेकर भी चिन्ता जाहिर की, कि यहां के उपस्वास्थ्य केन्द्र आजादी के पूर्व के बने हुए भवनों में संचालित करा दिये गये हैं जो आज पूर्ण रूप से जर्जर अवस्था में है, जिसमें जल्द ही इनके भवनों के निर्माण की मांग पुरी कर सम्पूर्ण आसपुर विधानसभा की आवाज सदन में उठाई।

अनुदान की मांगो के दौरान अपने के भाषण के अन्त में विधायक उमेश मीणा ने चिकित्सा विभाग की कमियों को भी सदन की पटल पर रखा, और कहा कि मेरे क्षेत्र में चिकित्सा विभाग के ये हालात है कि आज भी यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्टाफ की कमी पुरी नहीं हो पायी है, जिसमें इन रिक्त पदो को जल्द भरने कि आवश्यकता है ताकि क्षेत्र की जनता को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सके।

रिपोर्ट सादिक अली