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Jodhpur News: राजस्थान हाईकोर्ट का प्लेटिनम जुबली महोत्सव, सुप्रीम कोर्ट के जज और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लिया हिस्सा

राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पंकज मित्तल ने मारवाड़ी शब्दों खम्मा घणी से संबोधन शुरू किया । उन्होंने कहा कि सूर्यनगरी की चमक, गुलाबी नगरी की महक से हाईकोर्ट को एक विशिष्ट पहचान मिली।  प्रभु श्रीनाथ जी को उन्होंने धोक दी।

Jodhpur News: राजस्थान हाईकोर्ट का प्लेटिनम जुबली महोत्सव, सुप्रीम कोर्ट के जज और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लिया हिस्सा

जोधपुर राजस्थान हाई कोर्ट का प्लेटिनम जुबली महोत्सव के तहत राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें "न्याय प्रणाली के सशक्तिकरण में प्रौद्योगिकी की भूमिका"  विषय पर सेमीनार का आयोजन हुआ।

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे । वहीं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संदीप मेहता, राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएम श्रीवास्तव, पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसएस शिंदे कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे। प्रदेश सरकार के कानून मंत्री जोगाराम पटेल भी कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधिपति, न्यायिक अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। 

राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पंकज मित्तल ने मारवाड़ी शब्दों खम्मा घणी से संबोधन शुरू किया । उन्होंने कहा कि सूर्यनगरी की चमक, गुलाबी नगरी की महक से हाईकोर्ट को एक विशिष्ट पहचान मिली।  प्रभु श्रीनाथ जी को उन्होंने  धोक दी।

उन्होंने कहा कि ज्ञान और विज्ञान के साथ तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका है । तकनीक के जरिए त्वरित न्याय दिया जा सकता है और विधि का ज्ञान भी तकनीक के साथ नहीं चलें, तो पिछड़ जाएंगे । तकनीक को सुविधा के लिए अपनाना है। उस पर आश्रित न हो जाएं। माइक्रोसॉफ्ट के क्रैश होने का उदहारण देते हुए बताया कि कही ऐसा न हो कि कोई गड़बड़ी हो और पूरा सिस्टम क्रैश हो जाए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संबोधन में कहा कि हाईकोर्ट के 75 वर्ष की यात्रा पर सभी की बधाई।राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने कार्य से अलग पहचान बनाई है। इस गौरवशाली यात्रा में योगदान देने वाले सभी बार और बेंच को याद करता हूं । समर्पण और सेवा से यह पहचान बनी है। इस यात्रा में 28 न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं दी । हम सभी को गर्व होता है कि इन लोगों ने जहां भी काम किया राजस्थान का नाम ऊपर किया । उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा का यह अंतिम पड़ाव नहीं है । अंतिम पड़ाव तब होगा, जब अंतिम व्यक्ति तक त्वरित न्याय पहुंचा सकेंगे। 75 वर्षों की यात्रा में देश और प्रदेश की जनता का विश्वास नहीं खोया। दुनिया में कई देशों में लोकतंत्र पर प्रश्न चिन्ह लगे, लेकिन हमने लोगों का विश्वास जिंदा रखा। 65 करोड़ मतदाताओं ने मतदान कर लोगों ने अपनी सरकार को चुना यह विश्व भर के लिए एक मिसाल बनाई। चुनाव आयोग ने अपनी पारदर्शिता और जवाबदेही ने दुनिया में अपने आप को साबित किया । भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी की मिसाल बना है । लोकतंत्र शासन चलाने की सही प्रणाली है। हमने आर्थिक, सामाजिक प्रगति की लेकिन अभी हमे दुनिया में साबित करना है कि हममें विश्व का नेतृत्व करने का क्षमता है । लोगों में विश्वास है कि जब शासन मुझे न्याय नहीं देगा तो न्यायपालिका मुझे न्याय देगी । संविधान में सभी के लिए कार्य विभाजन किया गया । तीनों अंग अपने अपने काम कर रहे हैं, इसलिए आज देश तेजी से आगे बढ़ा है ।