RAS अफसर के निधन पर, आखिर बिश्नोई समाज क्यों बैठ गया धरने पर ?..हो सकती है CBI की एंट्री!, जानें क्या है पूरा मामला
बिश्नोई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुधिया ने इस मामले में मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग की है। परिजनों और समाज के लोगों ने शव उठाने से इनकार कर दिया।
जोधपुर RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद बिश्नोई समाज के लोगों में गुस्सा है। बिश्नोई समाज के लोग आज जोधपुर एम्स मोर्चरी के बाहर पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने और परिजनों ने वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने और समाज के लोगों ने आरोपी डॉक्टर और वसुंधरा अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
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इधर, बिश्नोई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुधिया ने इस मामले में मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग की है। परिजनों और समाज के लोगों ने शव उठाने से इनकार कर दिया। बाद में पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज के समझाने और नए कानून के अनुसार निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद वे शव लेने को राजी हुए। इसके बाद पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया गया। इस पर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज, एसीपी छवि शर्मा व अन्य अधिकारी भी वहां पहुंच गए। अधिकारियों ने उन्हें समझाया। उन्होंने बताया कि नए कानून व नई व्यवस्था के तहत बिना जांच के अस्पताल या डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। जांच कमेटी मृतका के परिजनों से भी मिलेगी। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद परिजन शव लेने को राजी हुए। वे शव को अंतिम संस्कार के लिए फलौदी के सुरपुरा ले गए हैं। वहां प्रियंका के ससुराल वाले रहते हैं। बता दें कि उसे पेट में दर्द की शिकायत थी। डॉक्टरों ने उसे बताया कि बच्चेदानी में गांठ है। इलाज के लिए उसे सर्जरी कराने की सलाह दी गई। इसके चलते उसे पांच सितंबर को वसुंधरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसी शाम उसका ऑपरेशन कर दिया। अगले दिन छह सितंबर को उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। हालत में सुधार न होने पर परिजन उसे 7 सितंबर को अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल ले गए, जहां 18 सितंबर की रात प्रियंका की मौत हो गई। प्रियंका के ससुर सीरम बिश्नोई ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की। आरोप है कि उसे ज्यादा एनेस्थीसिया दिया गया या फिर उसका ज्यादा खून बह गया। इसी कारण उसकी हालत बिगड़ी। उसे 7 सितंबर को अहमदाबाद ले जाया गया। जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को कमेटी बनाकर मामले की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए। प्रिंसिपल डॉ. भारती सारस्वत ने पांच डॉक्टरों की टीम बनाई। टीम में स्त्री रोग विभाग से डॉ. रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ. इंदु थावानी, सर्जरी से डॉ. विजय शर्मा, न्यूरोलॉजी से डॉ. शुभकरण खींचड़, एनेस्थीसिया से डॉ. नवीन पालीवाल शामिल थे।
केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बिश्नोई की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा है कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा की युवा अधिकारी श्रीमती प्रियंका बिश्नोई जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उन्होंने जोधपुर एसडीएम के पद की जिम्मेदारी भी संभाली थी। मैं ईश्वर से प्रियंका जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। उनके परिवार को इस दुख से उबरने की शक्ति मिले। वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी उनके निधन पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रियंका बिश्नोई जी का निधन अत्यंत दुखद है। मैं प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।