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राजस्थान के इस जिले में है एक अनोखा शिव मंदिर, जहां कुंड में स्नान करने से दूर हो जातें हैं चर्म रोग

Kayavarneshwar Mahadev Temple Rajasthan: राजस्थान में एक ऐसा प्राचीन शिव मंदिर है जिसका रहस्य महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहते हैं कि इस मंदिर में एक कुंड बना हुआ है, जहां स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।

राजस्थान के इस जिले में है एक अनोखा शिव मंदिर, जहां कुंड में स्नान करने से दूर हो जातें हैं  चर्म रोग

Kayavarneshwar Mahadev Temple Rajasthan: राजस्थान के झालावाड़ जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर क्यासरा गांव के समीप पहाड़ियों के मध्य एक ऐसा प्राचीन शिव मंदिर है जिसका रहस्य महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहते हैं कि इस मंदिर में एक कुंड बना हुआ है, जहां स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। इस मंदिर में दूर दराज से लोग भगवान शिव के दर्शन करने लिए पहुंचते हैं।

महाभारत काल से जुड़ा मंदिर का रहस्य

राजस्थान के कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहते हैं कि मंदिर में मौजूद शिवलिंग की स्थापना महाभारत काल में अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के पौत्र राजा जन्मजय द्वारा की गई थी।यहां पर राजा जन्मजय की प्रतिमा भी स्थापित है। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि राजा जन्मजय का कुष्ठ रोग यहां के मंदाकिनी कुंड में स्नान करने से ठीक हुआ था।

कुंड में स्नान करने से दूर होते हैं चर्म रोग

कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर की शिवलिंग के ठीक नीचे पानी का एक कुंड बना है, जहां स्नान करने पर कुष्ठ रोग जैसे चर्म रोग भी दूर हो जाते हैं।  लोग बताते हैं कि यहां के किसान खेतों में खड़ी हुई फसलों में बीमारियां लगने पर भी यहां का पानी इस्तेमाल करके बीमारियों को दूर भगाते हैं।

कुंड के पानी का काफी महत्व

इस कुंड के पानी को अपने साथ ले जाने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं और भगवान भोलेनाथ के दरबार में मनोकामनाएं मांगते हैं। जब भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं उसके बाद श्रद्धालू वापस यहां आते हैं और भंडारे तथा विशेष पूजा अर्चना का आयोजन करते हैं। इस मंदिर के जानकार बताते हैं कि यहां के कुंड के पानी से स्नान करने पर असाध्य चर्म रोग दूर होने के कारण इस मंदिर को कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर का नाम मिला है। क्योंकि चर्म रोग दूर होने से मनुष्य की नई काया का निर्माण होता है।